महुआ मोइत्रा ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील अनंत देहाद्राई के खिलाफ मानहानि का केस किया है।
कैश-फॉर-क्वेरी मामले में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म हो गई है, लेकिन केस को लेकर महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाई कोर्ट में मानहानि की याचिका लगाई थी। इस मामले में आज सुनवाई होगी। महुआ ने कहा था- कैश-फॉर-क्वेरी मामला झूठा है। BJP सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील अनंत देहाद्राई ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की है।
महुआ की याचिका में कहा गया है कि निशिकांत दुबे और देहाद्राई ने उन पर आरोप लगाए है कि उन्होंने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे थे। निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर 2023 को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर उन्होंने सवाल पूछे। इनमें से कुछ सवाल अडानी समूह से जुड़े थे। इसके अलावा अनंत देहाद्राई ने CBI से शिकायत की थी महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी को लोकसभा के ऑनलाइन अकाउंट का एक्सेस दिया था। महुआ मोइत्रा ने इस आधार पर 50 से 61 सवाल पूछे थे।
महुआ मोइत्रा पर आरोप था कि उन्होंने पैसे लेकर संसद में सवाल किए
दिल्ली HC में महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे, देहाद्राई और कुछ मीडिया संगठनों के खिलाफ केस मानहानि केस किया था। हालांकि, बाद में महुआ ने मीडिया संगठनों को केस से हटाने की मांग की, जो कोर्ट ने मान ली। अब केस सिर्फ निशिकांत दुबे और अनंत देहाद्राई के खिलाफ चल रहा है।
महुआ के वकील ने केस से खुद को किया था अलग
अनंत देहाद्राई ने 20 अक्टूबर को हुई सुनवाई में जज के सामने कहा- महुआ माेइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने मुझे फोन किया था। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या बाहर समझौता हो सकता है?
इस पर जस्टिस सचिन दत्ता ने कहा था यह हैरान करने वाली बात है कि वकील शंकरनारायणन ने मीडिएटर की भूमिका निभाई। क्या वह अभी भी इस केस में पेश होने के हकदार हैं? इसके बाद शंकरनारायणन ने केस से खुद को अलग कर लिया। इसके बाद महुआ की ओर से ये केस वकील समुद्र सारंगी लड़ रहे हैं।
महुआ मोइत्रा मानहानि केस से जुड़े 3 किरदार…
1. महुआ मोइत्राः अमेरिका में पढ़ीं, लंदन में नौकरी और बंगाल में राजनीति
इस केस की मुख्य पात्र महुआ मोइत्रा हैं, जिन पर सारे आरोप हैं। TMC सांसद महुआ मोइत्रा मूलत: बैंकर हैं। बेसिक एजुकेशन के बाद मोइत्रा हायर एजुकेशन के लिए अमेरिका गईं थीं। बाद में उनकी नौकरी लंदन के एक प्रतिष्ठित बैंक में लगी। कुछ सालों में उनका नौकरी से मोह भंग हुआ और वे राजनीति में आईं। उन्होंने 2016 में पहला चुनाव पश्चिम बंगाल के करीम नगर विधानसभा से जीता था। 2019 में वे TMC के टिकट पर कृष्णानगर से लोकसभा चुनाव लड़ी और जीतीं। 8 दिसंबर को उनकी संसद सदस्यता खत्म हो गई।
2. निशिकांत दुबेः राजनीति में आने से पहले कॉर्पोरेट वर्ल्ड में थे
इस कहानी में दूसरा अहम किरदार भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का है। 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे। गोड्डा झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 2009 में राजनीति में कदम रखा था। इससे पहले वे एस्सार ग्रुप में कॉर्पोरेट हेड थे। उन्होंने 2009 में गोड्डा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 2014 और 2019 में भी जीत हासिल की।
4. जय अनंत देहाद्राई: महुआ पर आरोप लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील
जय अनंत देहाद्राई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जय अनंत देहाद्राई और महुआ मोइत्रा दोनों पहले दोस्त थे, बाद में दोनों में झगड़ा हो गया। मोइत्रा ने पिछले छह महीनों में आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए देहाद्राई के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी। जय अनंत ने CBI में मोइत्रा के खिलाफ सबूत देकर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद यही सबूत BJP सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से पेश कर संसद में शिकायत दर्ज कराई गई है।
महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म होने से पहले लोकसभा में हुई बहस
लोकसभा में 8 दिसंबर (शुक्रवार) को में एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद उनके निष्कासन का प्रस्ताव पेश हुआ था। इसके बाद वोटिंग हुई थी। हालांकि महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने के लिए सदन में वोटिंग शुरू होते ही विपक्ष ने बॉयकॉट कर दिया था। वोटिंग के बाद लोकसभा स्पीकर ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ निष्कासन प्रस्ताव पास कर दिया था। लोकसभा से निष्कासन के बाद महुआ ने कहा कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने मुझे झुकाने के लिए बनाई गई अपनी रिपोर्ट में हर नियम तोड़ दिया। पूरी खबर पढ़ें…