स्थानीय लोगों ने बताया कि उपद्रवियों का एक समूह जबरन वसूली के लिए हथियारों के साथ आया था। इनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है।
मणिपुर में नए साल के पहले ही दिन एक बार फिर हिंसा हुई। यहां थौबल के लेंगोल पहाड़ी इलाके में सोमवार शाम को 3 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 11 लोग घायल हुए हैं। घटना से आक्रोशित लोगों ने तीन कारों को आग के हवाले कर दिया।
ताजा हिंसा के बाद थौबल, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया है। मारे गए लोग पंगाल (मुस्लिम) बताए गए हैं। घटना के बाद इलाके में तनाव है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में मारे गए लोगों की संख्या 4 बताई गई है।
प्रशासन का दावा है कि हिंसा पर काबू पा लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, ये फिरौती से जुड़ा मामला लग रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि उपद्रवियों का एक समूह हथियारों के साथ जबरन वसूली के लिए आया था। इनकी पहचान अभी नहीं हो पाई है।
CM एन बीरेन सिंह ने एक वीडियो संदेश में हिंसा की निंदा की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने सभी मंत्रियों और सत्ता पक्ष के विधायकों की आपात बैठक भी बुलाई है।
मणिपुर 2023 में काफी सुर्खियों में रहा। यहां पिछले साल 3 मई से हिंसा हो रही है। यहां जातीय संघर्ष में 180 से अधिक लोगों की मौतें हुईं। करीब 60 हजार लोग बेघर हो गए।
रविवार को हुई थी क्रॉस फायरिंग
मणिपुर के मोरेह में रविवार को उस समय तनाव फैल गया था जब विद्रोहियों और सुरक्षा बलों की क्रॉस फायरिंग में कुछ नागरिक घायल हो गए थे। घायलों का इलाज सुरक्षा बल के जवानों ने किया। रविवार को ही मैतेई और कुकी क्षेत्रों से कौट्रुक और कदंगबल क्षेत्रों में भी क्रॉस फायरिंग की खबरें सामने आई थीं।
रविवार को क्रॉस फायरिंग में घायल हुए लोगों को सुरक्षा बल के जवानों ने ही फर्स्ट एड दिया।
शनिवार रात विद्रोहियों ने कमांडो कॉम्प्लेक्स पर हमला किया
शनिवार (30 दिसंबर) रात करीब 11.30 बजे कुकी विद्रोहियों ने कमांडो कॉम्प्लेक्स पर हमला किया था जिसमें चार जवान घायल हो गए। विद्रोहियों ने RPG (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) का इस्तेमाल भी किया। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी फायरिंग की। इसमें मोरेह पुलिस कॉम्प्लेक्स के फर्नीचर, दरवाजे और कुछ सामान को नुकसान पहुंचा।
रविवार दोपहर हुई क्रॉस फायरिंग में घायल जवान, इनका इलाज चल रहा है।
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शनिवार को ही दोपहर 3.30 बजे टेंग्नौपाल में विद्रोहियों ने पुलिस वाहन पर IED से हमला किया था। इसमें 4 पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। फिलहाल उनका इलाज 5 असम राइफल्स कैंप में चल रहा है। उपद्रवियों ने पुलिस को उस समय निशाना बनाया, जब वे मोरेह से की लोकेशन पॉइंट (KLP) की ओर बढ़ रहे थे। घटना के बाद से इलाके में तनाव है।
4 दिसंबर को इसी जगह दो गुटों के बीच हुई फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई थी।
दो बम विस्फोट हुए, फिर 400 राउंड गोलियां चलीं
पुलिस ने कहा कि मोरेह के वार्ड नंबर 9 के चिकिम वेंग में अज्ञात बंदूकधारियों ने मोरेह की कमांडो टीम पर गोलियां चलाईं और बम फेंके। यह घटना तब हुई जब मणिपुर पुलिस कमांडो इलाके में नियमित पेट्रोलिंग कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि शुरुआत में दो बम विस्फोट हुए, इसके बाद 350 से 400 राउंड गोलियां चलीं।
24 अक्टूबर को मणिपुर के वांगू लाइफाम इलाके में काकचिंग पुलिस के सर्च आपरेशन में घरों और पहाड़ी से बड़ी संख्या में हाईटेक हथियार और चीनी ग्रेनेड बरामद किए गए थे।
18 कुकी उग्रवादी समूह, दो सबसे ज्यादा सक्रिय
मणिपुर में 18 कुकी उग्रवादी समूह हैं। इनमें से सबसे ज्यादा सक्रिय कुकी रिवोल्यूशनरी आर्मी (केआरए) और कुकी नेशनल आर्मी (केएनए) संगठन हैं। कुकी उग्रवादी समूहों ने 2008 में सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
आठ मैतेई संगठनों पर यूएपीए प्रतिबंध बढ़ाया
सशस्त्र संघर्ष के जरिए मणिपुर को भारत से अलग करने की वकालत करने वाले 8 मैतेई चरमपंथी संगठनों के खिलाफ गृह मंत्रालय ने 13 नवंबर 2023 को यूएपीए प्रतिबंध बढ़ा दिया था। सभी 8 संगठन पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) से संबंधित हैं।
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मणिपुर फायरिंग में मारे गए 13 लोग मैतेई थे: कुकी बहुल इलाके में दूसरे गुट ने गोलीबारी की थी, ज्यादातर की उम्र 20 से 25 साल
मणिपुर में 4 दिसंबर को दो गुटों के बीच गोलीबारी में मारे गए 13 लोगों पहचान हो गई है। ये सभी मैतेई समुदाय के हैं। घटना म्यांमार बॉर्डर से लगे कुकी बहुल टेंग्नौपाल जिले के लीथू गांव में हुई थी। मारे गए लोगों में से अधिकतर की उम्र 20 से 25 साल के बीच थी।
जानकारी के मुताबिक, मृतकों का पुलिस में कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। पुलिस ने कहा कि इन हत्याओं की जांच जारी है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, ऐसी आशंका है कि ये सभी लोग हथियारों की ट्रेनिंग लेने के लिए बॉर्डर पार जा रहे थे।
आरपीएफ) की पॉलिटिकल विंग पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के थे और म्यांमार हथियारों की ट्रेनिंग लेने जा रहे थे
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