22 साल पहले देखा था कल्पना चावला जैसे बनने का सपना, 30 की उम्र में किया पूरा।
- पिता की मौत के एक दिन पहले आया था भारतीय रेलवे में जेई का रिजल्ट, नहीं हो पाया था चयन, टूट गई थी
- पिता ने रात में बेटी को दिया था हौसला, जीवन में कभी हिम्मत नहीं हारना, सुबह हो गई मौत
- इसी अंतिम शब्द को बेटी ने बनाया सफलता पाने का हथियार 16 से 18 घंटे की पढ़ाई कर पिता की बात को किया साकार
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ओल्ड फरीदाबाद की सबसे घनी आबादी वाले बाड़ मोहल्ले में रहने वाली भानूप्रिया पाराशर ने 22 साल पहले नासा वैज्ञानिक कल्पना चावला जैसी बनने का सपना देखा था। तीस साल की उम्र में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में वैज्ञानिक पद प्राप्त कर उस सपने का साकार कर लिया। इनके पिता भूसा बेचते थे।
चार साल पहले इनके पिता ब्रजमाेहन पाराशर की बिजली करंट की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। इसरो में चयनित हाेने से पहले भानूप्रिया पाराशर हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर भी चयनित होकर पांच माह की हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में ट्रेनिंग भी ले चुकी है। गत 29 सितंबर को भानूप्रिया ने हैदराबाद के बालानगर स्थित राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र(एनआरएससी) में वैज्ञानिक के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया। भानू प्रिया कहती हैं कि कितनी भी कठिन परिस्थितियां और कठिनाईयों जीवन में क्यों न आए, अपने लक्ष्य और मेहनत से कभी हटना नहीं चाहिए।
पिता के अंतिम शब्द, सफलता के लिए बना हथियार
दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए भानूप्रिया पाराशर ने बताया कि कप्यूटर साइंस से एमटेक करने के बाद रेलवे में जेई पद के लिए परीक्षा दी थी। 13 अगस्त 2019 की शाम रिजल्ट आया लेकिन उसमें दो तीन नंबरों से चयन नहीं हो पाया। इससे वह काफी परेशान हो गई। क्योंकि वह नियमित रूप से 16 से 18 घंटे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पढ़ाई करती रहती थी। बेटी को उदास देखकर पिता ब्रजमोहन सांत्वना देते हुए कहा था कि जीवन मेें कभी हिम्मत नहीं हारना, मेहनत करने से सफलता जरूर मिलती है। यह शब्द बेटी के लिए अंतिम शब्द थे। अगले ही दिन 14 अगस्त 2019 को भूसे की टाल में बिजली का तार टूट पड़ा था। करंट की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई।
भूस बेचकर पिता चलाते थे परिवार
भाई बहनों में सबसे छोटी भानूप्रिया ने बताया कि उनके पिता भूस की टाल चलाते थे। भूस बेचकर परिवार का पालन पोषण करते थे। बच्चों को पढ़ाने में किसी प्रकार की कमी महसूस नहीं होने दी। उन्होंने बताया कि जब वह आठ साल की थी तो टेलिवीजन पर अक्सर नासा वैज्ञानिक कल्पना चावला की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी जाती थी। उसे देखकर ही भानूप्रिया ने पिता से कहा था कि वह भी आगे चलकर कल्पना चावला जैसी बनना चाहती है। आकाश में होने वाली जिन गतिविधियों को आम जन नहीं देख पाते हैं, वह उन गतिविधियों को देखने का प्रयास करेगी।
हरियाणा पुलिस में ट्रेनिंग के दौरान भानूप्रिया पाराशर
हरियाणा पुलिस भर्ती में रही है टॉपर
भानूप्रिया ने बताया कि उन्हाेंने हरियाणा पुलिस में सब इंस्पेक्टर और दिल्ली सरकार में टीजीटी टीचर की भी परीक्षा दी थी। नवंबर 2021 में सब इंस्पेक्टर का रिजल्ट आया था जिसमें आेवरऑल में वह तीसरे नंबर पर थी। मई 2022 से पुलिस अकादमी मधुबन में पांच महीने से ट्रेनिंग कर रही थी। पुलिस भर्ती से पहले ही इसरो की परीक्षा दी थी। ट्रेनिंग पर जाने के बाद ही रिजल्ट आ गया और इंटरव्यू की तैयारी करनी थी। एक माह की छुट्टी लेकर इंटरव्यू की तैयारी की थी। भानूप्रिया की मां संदेश पाराशर गृहणी हैं। बड़ा भाई यतिन पाराशर प्राईवेट नाैकरी करते हैं जबकि बड़ी बहन निधि की शादी हो चुकी है।
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