ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की मौजूदगी में किसान को दिलाया गया कब्जा
एस• के• मित्तल
सफीदों, उपमंडल के गांव भुसलाना में एक किसान हरवीर सिंह के खेत में पिछले करीब 30 सालों से पशुपालन विभाग द्वारा बनाए गए अवैध पशु अस्पताल को न्यायालय के आदेशों पर गिरा दिया गया और एक कनाल 15 मरले जमीन का कब्जा किसान को वापिस सौंप दिया गया। कब्जा कार्रवाई के लिए न्यायायाल द्वारा बीडीपीओ सुरेंद्र ख्खत्री को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था।
सफीदों, उपमंडल के गांव भुसलाना में एक किसान हरवीर सिंह के खेत में पिछले करीब 30 सालों से पशुपालन विभाग द्वारा बनाए गए अवैध पशु अस्पताल को न्यायालय के आदेशों पर गिरा दिया गया और एक कनाल 15 मरले जमीन का कब्जा किसान को वापिस सौंप दिया गया। कब्जा कार्रवाई के लिए न्यायायाल द्वारा बीडीपीओ सुरेंद्र ख्खत्री को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था।
न्यायालय के आदेशों पर ड्यूटी मैजिस्ट्रेट बीडीपीओ सुरेंद्र खत्री मौके पर पहुंचे और जेसीबी की मदद से अस्पताल को तुड़वाने का कार्य शुरू करवाया। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए मौके पर व्यापक पुलिस बल तैनात रहा। किसान हरवीर सिंह ने बताया कि करीब 30 साल पहले इस मीन पर पशुपालन विभाग द्वारा अवैध रूप से पशु अस्पताल बना दिया गया था। उन्होंने जब इस जमीन की निशानदेही करवाई तो पाया कि यह अस्पताल उनकी जमीन में बना हुआ था। इसके लिए उन्होंने न्यायालय की शरण ली थी। वे सैशन कोर्ट में जीत गए थे। उसके बाद ग्राम पंचायत पंजाब एण्ड हरियाणा हाईकोर्ट चली गई थी। हाईकोर्ट ने भी हमारे दावे को सही माना और पंचायत को जमीन खाली करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट से केस जीतने के बाद हमने कब्जा दिलवाने के लिए सफीदों न्यायालय में अर्जी दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रशासन को जमीन खाली करवाकर उन्हे सौंपने के आदेश दिए थे। न्यायालय ने इसके लिए बीडीपीओ को ड्यूटी मैजिस्टे्रट नियुक्त किया था।
न्यायालय के आदेशों पर उनकी जमीन में बने पशु अस्पताल को शनिवार को हटवाकर उन्हे कब्जा सौंप दिया गया है। इस मामले में ड्यूटी मैजिस्ट्रेट बीडीपीओ सुरेंद्र खत्री ने बताया कि प्राईवेट मालिकान की जमीन में पिछले 20-30 साल से यह पशु अस्पताल बना हुआ था। न्यायालय ने इस अस्पताल को यहां से हटाकर जमीन पर किसान का कब्जा बहाल करवाने के आदेश दिए थे। न्यायालय के आदेशों की अनुपालना में आज यह कार्रवाई की गई है। वहीं गांव के सरपंच रविंद्र चेची का कहना है कि उस समय की ग्राम पंचायत द्वारा यहां पर पशु अस्पताल का निर्माण करवाया गया था। किसान का कहना था कि यह जमीन उसकी है।
यह मामला अदालत में चला। माननीय अदालत ने किसान के पक्ष को सही माना और जमीन को खाली करने के आदेश दिए थे। न्यायालय की आदेशों की पालना में जमीन को खाली कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि करीब डेढ़ वर्ष पूर्व इस अस्पताल को बंद कर दिया गया था। फिलहाल गांव में अस्थाई व्यवस्था करवाकर पशुओं का इलाज करवाया जा रहा है। गांव में पशु अस्पताल बनवाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा।
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