हजारों युवाओं की शोभा यात्रा को देखने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
वक्ताओं ने कहा, मानव जाति के प्रेरणादायक महापुरुष थे परशुराम
एस• के• मित्तल
जींद, भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती पर जींद शहर की फिजा उनके जयकारों से गूंज उठी। जींद के महाभारत कालीन जयंती देवी मंदिर से हजारों युवाओं ने शहर में भव्य शोभा यात्रा निकाली। युवाओं के जोश और अनुशासन के साथ शहर के बीच में से जहां-जहां से शोभा यात्रा निकली, वहां-वहां श्रद्धालुओं ने छबीलें लगाई हुई थी।
जींद, भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम की जयंती पर जींद शहर की फिजा उनके जयकारों से गूंज उठी। जींद के महाभारत कालीन जयंती देवी मंदिर से हजारों युवाओं ने शहर में भव्य शोभा यात्रा निकाली। युवाओं के जोश और अनुशासन के साथ शहर के बीच में से जहां-जहां से शोभा यात्रा निकली, वहां-वहां श्रद्धालुओं ने छबीलें लगाई हुई थी।
महाभारत कालीन जयंती देवी मंदिर में शोभा यात्रा के निकालने से पहले पुजारी नवीन कुमार शास्त्री ने विधिवत् रूप से भगवान परशुराम की प्रतिमा सम्मुख हवन-यज्ञ का आयोजन किया। इस हवन-यज्ञ में आहुति डालने और शोभा यात्रा को सजदा करने के लिए एक नहीं अनेकों नेता और प्रमुख समाज सेवी मंदिर पहुंचे। मंदिर में भगवान परशुराम की युवा सेना के लिए कढ़ी चावल और मीठे पानी का प्रबंध किया हुआ था। ब्राह्मण सभा जींद के प्रधान सियाराम शास्त्री, आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिराम दीक्षित, प्रमुख समाज सेविका मीना शर्मा ने हवन यज्ञ में आहुति डाली, वहीं आप नेता अवंतिका माकन, नवीन जयहिंद, सुभाष कौशिक, विनोद आशरी, रामराजी शर्मा, सुधीर गौतम, शिव कुमार बनभोरी,उमेश शर्मा, समाज सेवी विकास जैन, ओमनारायण शास्त्री, रामचंद्र अत्री, पूर्व प्रधान रामफूल शर्मा, रामफल शर्मा कालवा, रघुबीर भारद्वाज, राजेंद्र कौशिक देबन, मास्टर कृष्ण, अनूप वशिष्ठ, कृष्ण भारद्वाज, चांद पिंडारा, प्रवीन वशिष्ठ, रजनीश जैन, गणेश कौशिक, आशुतोष गालव, वीरेंद्र कौशिक, सतीश शर्मा, रामभगत शास्त्री, प्रभुदयाल ने मंदिर में पहुंचकर भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना की। डीजे की गगनचुंबी आवाज के बीच परसों के साथ भगवान परशुराम फांऊडेशन जींद के तत्वाधान में हजारों युवा जयकारे लगाते हुए शोभा यात्रा में निकले। इस शोभा यात्रा में भगवान परशुराम की सात फुट ऊंची भव्य प्रतिमा को सजाकर झांकी तैयार की हुई थी।
शोभा यात्रा में डीजे और हजारों युवाओं की ऊंची आवाज भले ही जींद की फिजा को गूंजायमान कर रही थी, किंतु उनमें अनुशासन भी लाजवाब देखने को मिला। मंदिर से चली शोभा यात्रा तीन घंटे बाद सफीदों रोड़ स्थित ब्राह्मण धर्मशाला में पहुंची। इस दौरान सभा की ओर से स्वामी सूर्यानंद सरस्वती के सान्निध्य में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर जींद विधायक डॉ. कृष्ण मिढ़ा ने शिरकत की। समारोह में समाज के लिए बढ़-चढ़कर कार्य करने वाले आधा दर्जन लोगों को स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। विधायक कृष्ण मिढ़ा ने कहा कि भगवान परशुराम ने समाज से असामाजिक कुरीति से भरे दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों का संहार किया था। उन्होंने सर्व समाज के हित के लिए जो कार्य किये, उससे निश्चित तौर पर दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों को सीख मिलती हैं।
भगवान परशुराम ने समाज के हितों के लिए जो कार्य किये थे, उससे यही संदेश जा रहा है कि वे केवल ब्राह्मणों के ही नहीं अपितु सर्व समाज का भला चाहते थे। इस दौरान उन्होंने धर्मशाला को 11 लाख का अनुदान देने की घोषणा की। स्वामी सूर्यानंद सरस्वती ने कहा कि भगवान परशुराम की जयंती ना केवल ब्राह्मण अपितु सर्व समाज के लोग मनाते हैं। क्योंकि भगवान किसी एक जाति का नहीं, अपितु सभी जातियों का हित साधता हैं। धर्मशाला में श्रद्धालुओं के लिए विशाल भंडारे का आयोजन किया गया था।
कुरीतियों को दूर करने के लिए मिलकर सभी करें प्रयास
प्रमुख समाज सेविका मीना शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम ने संतों व हिन्दू समाज के लिए आसुरी शक्तियों संहार करने का काम किया था। बुराई भले ही कितनी बड़ी हो अंत में अच्छाई की ही जीत होती है। इसलिए आज के दौर में भी हम सबको मिलकर ऐसे प्रयास करने होंगे, जिससे समाज में फैली कुरीतियां दूर हो सकें। ब्राह्मण सभा प्रधान सियाराम शास्त्री ने कहा कि जब-जब समाज में असुरी शक्तियां बढ़ती है, तब-तब दैव्य शक्तियां उनका संहार करने के लिए आती हैं। भगवान परशुराम ने असुरी शक्तियों का विनाश करके इस बात का संदेश दिया था कि जब-जब मनुष्य जाति के दुश्मन असामाजिक कुरीतियों के सफाएं के लिए आगे नहीं आएंगे, तब तक समाज का कल्याण नहीं हो सकता।
व्यवस्था के लिए सभा और फाऊंडेशन से जुड़े लोगों ने संभाला मोर्चा
शोभा यात्रा में उमड़े युवाओं का जोश देखकर हर कोई भगवान परशुराम के जयकारे लगा रहा था। शोभा यात्रा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण आधा किलोमीटर तक भगवान परशुराम के चित्र की टी-शर्ट पहने युवा ही युवा दिखाई दे रहा था। व्यवस्था के लिए सभा और भगवान परशुराम फाऊंडेशन से जुड़े लोग स्वयं सेवक का काम कर रहे थे, वहीं पुलिस के जवान भी साथ-साथ चल रहे थे।