बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में भूकंपमापी सिस्मोमीटर लगाए जाएंगे: भूकंप का झटका आते ही बिजली बंद हो जाएगी, ट्रेनें तुरंत रुक जाएंगी

 

देश में बुलेट 2022 तक शुरू करने का टारगेट था। फिर इसे बढ़ाकर 2023 किया गया। अब 2026 तक इसके शुरू होने की उम्मीद है।

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में भूकंप का पता लगाने के लिए 28 सिस्मोमीटर लगाए जाएंगे। ये सिस्मोमीटर बिजली सप्लाय करने वाले सब स्टेशनल के साथ जुड़े होंगे। भूकंप के झटकों का पता लगते ही सिस्टम की बिजली ऑटोमैटिक बंद हो जाएगी। बिजली बंद होते ही बुलेट ट्रेन में इमरजेंसी ब्रेक लगेंगे और प्रभावित इलाके में बुलेट ट्रेनें रुक जाएंगी।

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नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (NHSRCL) ने सोमवार को बताया कि कहा कि पैंसेंजर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा करने के लिए जापानी शिंकानसेन तकनीक पर आधारित भूकंप जांच सिस्टम लगाया जाएगा।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने x पर पोस्ट में सिस्टम लगाए जाने की जानकारी दी।

8 सिस्मोमीटर महाराष्ट्र और 14 गुजरात में लगेंगे
28 सिस्मोमीटर में से 8 महाराष्ट्र के मुंबई, ठाणे, विरार और बोइसर में होंगे। जबकि 14 गुजरात के वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, महेम्दावाद और अहमदाबाद में लगाए जाएंगे।

बाकी 6 सिस्मोमीटर भूकंप की आशंका वाले इलाकों​​​​​ महाराष्ट्र के खेड़, रत्नागिरी, लातूर और पंगरी, गुजरात के अडेसर और पुराने भुज में स्थापित किए जाएंगे।

ट्रैक्शन सब-स्टेशनों और स्विचिंग पोस्टों में सिस्मोमीटर शुरुआती तरंगों से भूकंप के झटकों का पता लगाएंगे।भूकंप का पता लगते कि ऑटोमैटिर बिजली बंद हो जाएगी।

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हाई स्पीड कॉरिडोर में पिछले 100 सालों में 5.5 से अधिक तीव्रता के जो भूकंप आए हैं, इसका सर्वे जापानी एक्सपर्ट्स ने किया था। इस सर्वे और मिट्‌टी परीक्षण के बाद सिस्मोमीटर लगाने की जगहें तय की गई हैं।

प्रोजेक्ट की कॉस्ट 1.08 लाख करोड़ रुपए

मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन 508 किमी का सफर तीन घंटे में तय करेगी। अभी दुरंतो दोनों शहरों के बीच का सफर साढ़े पांच घंटे में तय करती है। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कॉस्ट 1.08 लाख करोड़ रुपए है। यह प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) कहलाता है।

12 स्टेशन, 350 kmph स्पीड, 3 घंटे का सफर

  • मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन की मैक्सिमम स्पीड 350 किमी/घंटा होगी। अभी मुंबई-अहमदाबाद के बीच नॉर्मल ट्रेन से दूरी 7-8 घंटे की है।
  • अगर बुलेट ट्रेन 12 स्टेशनों पर रुकेगी तो 3 घंटे में 508 किमी का सफर पूरा करेगी। यानी एवरेज स्पीड 170 किमी/घंटा होगी।
  • अगर 4 ही स्टेशनों मुंबई, अहमदाबाद, सूरत और वड़ोदरा पर रुकेगी तो दो घंटे में सफर पूरा कर लेगी। ऐसे में एवरेज स्पीड 254 किमी/घंटा होगी।
  • इस रूट पर 12 स्टेशन मुंबई, ठाणे, विरार, भोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वड़ोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती हो सकते हैं। इनमें मुंबई स्टेशन अंडरग्राउंड होगा।

बुलेट ट्रेन का 7 किमी हिस्सा समुद्र के अंदर होगा

  • 508 किमी के रूट में से 351 किमी हिस्सा गुजरात और 157 किमी हिस्सा महाराष्ट्र से गुजरेगा। कुल 92% यानी 468 किमी लंबा ट्रैक एलिवेटेड रहेगा।
  • मुंबई में 7 किमी का हिस्सा समुद्र के अंदर होगा। 25 किमी का रूट सुरंग से गुजरेगा। 13 किमी हिस्सा जमीन पर होगा। बुलेट ट्रेन 70 हाईवे, 21 नदियां पार करेगी। 173 बड़े और 201 छोटे ब्रिज बनेंगे।
  • शुरुआत 10 कोच वाली 35 बुलेट ट्रेनों से होगी। ये ट्रेनें रोजाना 70 फेरे लगाएंगी। एक बुलेट ट्रेन में 750 लोग बैठ सकेंगे। बाद में 1200 लोगों के लिए 16 कोच हो जाएंगे। 2050 तक इन ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर 105 करने का प्लान है।

पहली बुलेट ट्रेन 2026 में शुरू चलेगी
पहले बुलेट ट्रेन साल 2022 तक चलाए जाने का टारगेट था। फिर इसे बढ़ाकर 2023 किया गया। इसके बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब 2026 तक इसके चालू होने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट में भारत को जापान से मदद मिल रही है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, सूरत से बिलिमोरा के बीच पहली बुलेट ट्रेन चलाने का टारगेट रखा गया है। ऐसा होते ही भारत 15 देशों के एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा, जिनके पास हाईस्पीड ट्रेन नेटवर्क है।

 

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