हरियाणा के जिले करनाल में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विभाग ने सख्ती शुरू कर दी है। विभाग की तरफ से मंगलवार देर शाम को जिले की एक राइस मिल पर 5 लाख 15 हजार व दो इंडस्ट्रियों पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। जिसके चलते अब जिले के राइस मिलर्स व इंडस्ट्री संचलकों में हड़कप मच गया है। विभाग की और से मिल संचालक व इंस्ट्रियों के संचालकों को जुर्माना भरने के लिए 1 सप्ताह का समय दिया गया। अगर 1 सप्ताह के अंदर यह जुर्माना नहीं भरते तो विभाग की तरफ से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
3 दिन पहले इन में करवाया था काम बंद
बतादे कि विभाग की और से तीन दिन पहले ही इन दो राइस मिलों में व इंडस्ट्रियों में जांच गई थी। जिसमें घरौंडा एरिया के दो राइस मिल शुभम इंडस्ट्री व वैष्णो राइस मिल में एयर पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए बैग फिल्टर नहीं लगा पाए थे। जिस पर कार्रवाई करते हुए मंगलवार देर शाम को विभाग की और से शुभम इंडस्ट्रीज राइस मिल पर 5 लाख 15 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। जबकि दूसरे राइस मिल पर आज जुमार्ना लगाकर उसे नोटिस भेजा जाएगा।
राइस मिलो की चिमनी से निकलते धुंए की फाइल फोटो।
वहीं दूसरी और विभाग की और से भवन निर्माण का कार्य करने वाली दो इंडस्ट्रियों की जांच की गई। जिसमें रास बसेरा व दूसरी एक अन्य इंडस्ट्री में भवन निर्माण के दौरान धूल मिट्टी को हवा में फैलाना पाया गया। जिसके चलते विभाग की और से उसी समय दोनों इंडस्ट्रियों में चल रहे भवन निर्माण के कार्य को रुकवा दिया गया। वहीं मंगलवार देर शाम को दोनों इंडस्ट्रियों पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना लगाकर उन्हें नोटिस भेज दिया गया।
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200 होटल व ढाबा संचालकों को दिए जा चुके नोटिस
बतादे के पिछले दिनों करनाल की आबोहवा दिल्ली से ज्यादा खराब हो गई। पिछले दिनों करनाल का पॉल्यूशन 370 से पार जा चुका था। वहीं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की सांसे उस बढ़ते प्रदूषण स्तर को लेकर सांसे फूल गई थी। वहीं इस बार पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए विभाग की ओर से अब तक लगभग 200 होटल व ढाबा संचालकों को नोटिस दिए जा चुके हैं। सभी होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम, DTP, बिजली बोर्ड, अग्निशमन विभाग, हरियाणा सोलर एनर्जी ग्राउंड वाटर अथारिटी से NOC लेना अनिवार्य किया गया है। इसी कड़ी में CHD सिटी पर कार्रवाई करते हुए NOC के लिए नोटिस भी दिया जा चुका है। होटलों व ढाबा मालिकों को पानी ट्रीट करने के निर्देश हैं।
पुल निर्माण कार्य की फाइल फोटो।
दो नए स्टेशन बनाने की योजना
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक्सईएन शैलेन्द्र अरोड़ा ने बताया कि विभाग की और जल्द ही जिले में दो नए वायु गुणवत्ता के लिए स्टेशन बनाए जाने है। जिसको लेकर काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि अगर हम करनाल जिले की बात करें तो जिले में कुल 319 अस्पताल है, सभी में बार कोडिंग हैं, जिससे यह पता लगता है कि किस अस्पताल से कितना बायो मेडिकल वेस्ट निकला है। इसकी सूचना HSIDC, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अस्पताल की साइट पर जाती है। बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण जिला के बजीदा स्थित हाट सुप्रीम वेस्टेक प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी कर रही है।
राइस मिल की चिमनी से निकलते काले धुंए की फाइल फोटो।
अस्थायी भंडारण बनाकर किया जा रहा निस्तारण
एक्सईएन शैलेन्द्र अरोड़ा ने बताया कि हानिकारक वेस्ट प्रबंधन नियम 2016 के तहत सभी उद्योगों के परिसरों में हानिकारक अपशिष्ट के अस्थाई भंडार बनाकर उसका निस्तारण किया जा रहा है। ऐसे कचरे के वैज्ञानिक निस्तारण के लिए श्रमिकों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया है। जिला में कहीं भी गैर कानूनी ढंग से ईस्ट वेस्ट की रिसाईकलिंग और डिस्मैंटलिंग नहीं की जा रही। वायु गुणवत्ता प्रबंधन के बिन्दू पर उन्होंने बताया कि करनाल के सेक्टर-12 और नमस्ते चौक तथा चार एमएलडी एसटीपी इन्द्री में सतत परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन स्थापित हैं। इस तरह के दो अन्य स्टेशन भी स्थापित किए जाने की योजना है। उन्होंने बताया कि नायज जोन में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए साइन बोर्ड लगाए गए हैं, नगर निगम द्वारा डिस्प्ले बोर्ड भी स्थापित किए गए हैं।