फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर लोगों को विभाग की भजन मंडलियों द्वारा किया जा रहा है जागरूक : उपनिदेशक अमित पंवार

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फसल अवशेषों को न जलाएं किसान बल्कि पशुचारे के रूप में करें प्रयोग  

किसान फसल अवशेषों को बनाए अतिरिक्त आय का साधन

 

 

एस• के• मित्तल 

जींद, सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक अमित अग्रवाल के निर्देशानुसार एवं उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार के मार्गदर्शन में विभाग की भजन मंडली द्वारा गांव-गांव जाकर फसल अवशेष प्रबंधन बारे लोगों को जागरूक किया जा रहा है ।

उपिनेदशक एवं जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी अमित पंवार ने बताया कि भजन मंडलियां द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

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उन्होंने बताया कि बुधवार को उदयपुर व दुर्जनपुर गांवों में भजन पार्टी के लीडर बलजीत सिंह, राजेन्द्र सिंह, सदस्य भजन पार्टी ओमप्रकाश, सुबे सिंह व राजेश द्वारा गीतों के माध्यम से लोगों को फसल अवशेष प्रबंधन प्रदूषण नियंत्रण के दृष्टिगत समय की जरूरत है। अब ऐसी तकनीकें भी उपलब्ध हैं, जिनके द्वारा फसलों के अवशेष से उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं और अवशेष को विभिन्न उद्योगों में बेचा भी जा सकता है। ऐसे में किसी को भी फसलों के अवशेष जलाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। किसान फसल अवशेष को आय के साधन के रूप में प्रयोग करें और अपनी आमदनी बढ़ाएं। फसल अवशेषों को अतिरिक्त आय के तौर पर देखा जा सकता है।

अवशेष प्रबंधन पर किसानों को दी जा रही है एक हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि : उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार

उन्होंने लोगों को बताया कि फसल अवशेषों में आग लगाने से भूमि के सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते है, जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर हो जाती है। उन्होंने बताया कि जो किसान इन मशीनों से धान की पराली का प्रबंधन कर रहे है, उन सभी किसानों को एक हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

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प्रोत्साहन राशि के लिए किसान पोर्टल पर पंजीकरण करवा लें ताकि पंजीकृत किसानों के सत्यापन उपरान्त राशि उनके खाते में डाल दी जाएगी।

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