फतेहाबाद. चिरपरिचित कवाहत नर सेवा नारायण सेवा का एक उदाहरण जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया की अदालत में देखने को मिला. जब न्यायाधीश डीआर चालिया मुकदमे की सुनवाई कर रहे थे तो एक मामले में टोहाना से अदालत में पेश होने आई दो महिलाएं आई तो उनके साथ उसका बच्चा भी था. जब न्यायाधीश चालिया ने देखा कि छोटे बच्चा पांवों से नंगा था तो उनका हृदय दर्वलित हो गया.
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बच्चे को देखकर उन्होंने कहा कि इतनी गर्मी में नंगे पांव बच्चा कैसे चलकर आया है. उन्होंने तुरंत बच्चे के लिए जूते मंगवाकर उसे पहनने के लिए दिए. न्यायाधीश की इस दयालुता की पूरी कोर्ट परिसर में भूरि भूरि प्रशंसा हुई. उन्होंने समाज में एक उदाहरण पेश किया कि भले ही कोई अपराधी हो या याची, लेकिन जरूरतमंद बच्चों की मदद करना हमारा कर्तव्य बनता है.
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