गृह मंत्री अमित शाह ने 8 फरवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भारत-म्यांमार के बीच फ्री मूवमेंट को बंद करने की जानकारी दी थी।
देश के चार राज्यों से लगी म्यांमार सील करने के केंद्र के फैसले को लेकर पहाड़ और घाटी दो हिस्सों में बंट गई है। घाटी के लोग खुश हैं। वहीं, पहाड़ी विरोध में हैं। यहां तक कि मिजोरम और नगालैंड के सीएम भी विरोध में उतर आए हैं।
मैतेई समुदाय की संस्था कोकोमी सहित घाटी के संगठनों का कहना है कि इससे शरारती तत्वों की आवाजाही रुकेगी और सीमाएं सुरक्षित होंगी। कोकोमी प्रवक्ता खुराइजम अथौउबा ने कहा कि मणिपुर में चल रहे हिंसक संकट के मूल में म्यांमार से यहां हो रहा पलायन है।
दूसरी तरफ, मिजोरम के मुख्यमंत्री लल्दुहोमा का कहना है कि सीमा के दोनों तरफ रहने वाले मिजो-जो-चिन समुदाय को क्षेत्र में आने-जाने से नहीं रोका जा सकता। वे अंग्रेजों के समय एकतरफा तरीके से निर्धारित की गईं सीमाओं को नहीं मानते।
इस बीच नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने भी कहा कि जहां तक नगालैंड का सवाल है तो सीमा के दोनों तरफ नगा रहते हैं। केंद्र को फैसले पर अमल करने से पहले एक सर्वमान्य फॉर्मूला बनाना चाहिए।
छात्र संगठन बोला- नगा लोगों कों स्वतंत्र रहने का अधिकार
इस फैसले पर नगा छात्र संगठन एनएसएफ ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत और म्यांमार सीमा के दोनों तरफ नगा लोगों का स्वतंत्र नागरिक की तरह रहने का जन्मसिद्ध अधिकार है।
एनएसएफ ने कहा कि केंद्र के इस फैसले के गंभीर संकट पैदा होंगे। यूएन को इस मामले में दखल देना चाहिए। मिजोरम में तमाम संगठन भी इस फैसले के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं।
कई जगहों पर लोगों के घर सीमा के दोनों तरफ
मणिपुर के सीमाई इलाकों में रहने वाले लोगों के मुताबिक, सीमाबंदी से मानवीय संकट खड़ा होगा। उनके सदियों से खून के संबंध हैं। हर सुख-दुख में आना-जाना लगा रहता है। कई स्थानों पर लोगों के घर सीमा के दोनों तरफ हैं। वहां स्पष्ट तरीके से बंटवारा नहीं है। ऐसे में व्यावहारिक दिक्कत भी पैदा होगी।
केंद्र ने 8 फरवरी को फ्री मूवमेंट रिजीम खत्म किया था
केंद्र सरकार ने गुरुवार (8 फरवरी) को भारत-म्यांमार के बीच फ्री मूवमेंट रिजीम (FMR) को खत्म करने की घोषणा की थी। इससे दोनों देशों के बीच बॉर्डर के पास रहने वाले लोगों का आना-जाना बंद हो गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा- भारत की आंतरिक सुरक्षा और नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों की डेमोग्राफी को बरकरार रखने के लिए यह फैसला किया गया है।
म्यांमार में सेना और विद्रोही गुटों के संघर्ष के बीच 151 म्यांमार सैनिक मिजोरम में घुस आए। असम राइफल्स के अधिकारी ने 29 दिसंबर 2023 को बताया था कि- भारतीय सीमा से लगे म्यांमार सैन्य बेस पर विद्रोही गुट अराकान आर्मी (एए) ने कब्जा कर लिया। इसके बाद म्यांमार सेना के जवान अपने हथियारों के साथ लॉन्गटलाई जिले के तुईसेंटलांग में असम राइफल्स के पास पहुंच गए।