पानीपत रिफाइनरी में 2G एथेनॉल प्लांट: प्रदूषण के कारण अब बंद नहीं होंगे उद्योग, किसानों की आय बढ़ेगी, केस भी नहीं होंगे दर्ज

 

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हरियाणा की पानीपत रिफाइनरी में नवनिर्मित 2G एथेनॉल प्लांट की सौगात लोगों को देंगे। प्रधानमंत्री प्लांट का वर्चुअल शुभारंभ करेंगे। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी प्लांट में उपस्थित रहेंगे।

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35 एकड़ भूमि में बने प्लांट के निर्माण कार्य में 909 करोड़ रुपए की लागत आई है। इस प्लांट से पानीपत के उद्योग, हरियाणा के किसानों को सीधे तौर पर फायदा होगा। प्रदूषण के दिनों में पानीपत इंड्रस्टी बंद रहती हैं, जिससे 10 हजार करोड़ का नुकसान हर साल होता था।

यह प्रदूषण अधिकतर किसानों द्वारा पराली जलाने से ज्यादा होता था। पराली जलाने वाले किसानों पर केस दर्ज होते थे। अब इस प्लांट से किसानों को भी सौगात मिलेगी। हरियाणाभर के किसानों की पराली खरीदी जाएगी, जिससे उनकी आय में भी इजाफा होगा।

रिफाइनरी में बना एथेनॉल प्लांट

रिफाइनरी में बना एथेनॉल प्लांट

पराली खरीदने के लिए जिला स्तर पर स्थापित होंगे सेंटर

विदित हो कि रिफाइनरी में नवनिर्मित 2जी एथेनॉल प्लांट में पराली से ही एथनॉल बनेगा। पराली खरीदने के लिए जिलेभर में कृषि विभाग कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) स्थापित करेगा। इनके माध्यम से ही किसानों के खेत से पराली खरीदी जाएगी। पराली की गांठें बनाकर कलेक्शन सेंटर पर भेजी जाएंगी। इनमें एक कलेक्शन सेंटर गांव बड़ौली और गांजबड़ की साइट पर और दूसरा गांव आसन कलां की साइट पर स्थापित होगा।

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रिफाइनरी में 900 करोड़ से तैयार किया गया है प्लांट

पराली से एथेनॉल बनाने वाला प्लांट पानीपत रिफाइनरी में बनकर तैयार है। इसे बनाने में 900 करोड़ रुपए की लागत आई है। इस प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 100 किलो लीटर एथेनॉल बनाने की है। इस प्लांट को पराली उपलब्ध करवाने के लिए कृषि विभाग भी तत्पर है।

पराली जलाने के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए राज्य और केंद्र सरकार पिछले कई साल से लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को CHC की स्थापना और व्यक्तिगत कृषि यंत्रों पर भारी अनुदान भी दिया जा रहा है।

सिर्फ पानीपत से 3.80 लाख टन पराली का होता उत्पादन

डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि पानीपत सहित करनाल, कुरुक्षेत्र और कैथल में बड़ी मात्रा में धान का उत्पादन किया जाता है। ऐसे में पराली का प्रबंधन एक बड़ी चुनौती है। सिर्फ पानीपत में ही 3.80 लाख टन पराली का उत्पादन प्रतिवर्ष होता है। जिले में 30 CHC पर बेलर मशीन उपलब्ध है और 3 व्यक्तिगत बेलर हैं। इन सभी के द्वारा किसानों से पराली खरीद करने बाद कलेक्शन सेंटर पर भेजी जाएगी।

 

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