हरियाणा के कई जिलों की आबो हवा खराब हो गई है। पानीपत जिले की हवा खतरे के निशान के आखिरी निशान पर पहुंच गई है। यहां गुरुवार सुबह से ही हवा में प्रदूषण का स्तर 416 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा। जोकि किसी भी मायने में बहुत खतरनाक होता है।
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क्योंकि प्रदूषण मापने की मीटर 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर का अधिकत्तर होता है। पूरे जिले के वातावरण पर धुंध जैसी सफेद चादर बिछी हुई है। यह सफेद चादर हल्की धुंध के अलावा अधिकांश स्मॉग है। जोकि मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। जिस वजह अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
वाहन चालकों को लाइट ऑन कर चलना पड़ रहा
हवा में प्रदूषण इस कदर बढ़ गया है कि गुरुवार सुबह से ही पानीपत स्मॉग की चादर से ढक गया। ग्रामीण क्षेत्रों में तो सुबह के समय सड़क पर दृशयता बेहद कम रही। वाहन चालकों को पास का भी कुछ नहीं दिखाई दे रहा था। ऐसे में वाहन चालक सुबह के समय लाइट ऑन कर वाहन चलाते हुए दिख रहे थे। जिले की हवा में प्रदूषण का स्तर 416 पर पहुंच गया है, जोकि मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है।
AQI स्तर इंडेक्स।
आंखों में जलन के बढ़े डेढ गुणा मरीज
ऐसे में आंखों में जलन और सांस रोगियों को भी परेशानी होने लगी है। नागरिक अस्पताल के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी मरीज सुबह से ही पहुंचने शुरू हो गए हैं। नागरिक अस्पताल की बात की जाए तो यहां पिछले दो दिन से आंखों में जलन के डेढ़ गुणा मरीज सामने आए हैं।
अस्पताल की नेत्र रोग विशेषज्ञों ने बताया कि आंखों में पानी आने व जलन की शिकायत लेकर मरीज आ रहे हैं। इसलिए सभी को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। इसके अलावा सांस के रोगी भी अस्पताल में उपचार के लिए आ रहे हैं।
ये बरतें सावधानियां
सुबह-शाम टहलने से बचें। कमरे में एग्जॉस्ट चलाएं। घर से बाहर निकलें तो मुंह पर रुमाल या मास्क लगा लें। पेय पदार्थ ज्यादा लें। गर्म पानी का प्रयोग करें। खांसी, गले और छाती में संक्रमण होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
जिन लोगों को अस्थमा है उनके लिए यह काफी खतरनाक है। ऐसे में खिड़कियां या दरवाजे बंद रखें। हरी सब्जियों व पौष्टिक आहार का सेवन करें, धूम्रपान नहीं करें। बाहर से आने के बाद गुनगुने पानी से मुंह, आंखें और नाक साफ करें।
ये 10 बड़ी बीमारियां हो सकती है
1. स्मॉग की वजह से आपके बाल झड़ सकते हैं. जिससे आपकी पर्सनैलिटी पर काफी असर पड़ता है।
2. स्मॉग से आपको खांसी हो सकती है, वहीं अगर ये खांसी ज्यादा दिनों तक रही तो काफी मुसीबत हो सकती है।
3. स्मॉग की वजह से दिल की बीमारी हो होने की आंशका ज्यादा बढ़ जाती है।
4. स्मॉग की वजह से हार्ट अटैक जैसी खतरनाक बीमारी भी हो सकती है।
5. स्मॉग से सबसे ज्यादा समस्या त्वचा संबंधी हो सकती है।
6. स्मॉग से ब्लड कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है।
7. स्मॉग से आपके फेफड़ों में इंफेक्शन भी हो सकता है।
8. स्मॉग आपके इम्यून सिस्टम को भी कमजोर करता है।
9. स्मॉग से आंखों में जलन, नाक, कान और गले में इंफेक्शन भी हो सकता है।
10. स्मॉग की वजह से सबसे ज्यादा दिक्कत सांस लेने में होती है, जिससे दमा जैसी घातक बीमारी हो सकती है, जबकि बीपी के मरीज को तो इससे ब्रेन स्ट्रोक तक हो सकता है।
AQI स्तर
0 से 50: अच्छा
51-100: संतोषजनक
101-200: मध्यम
201-300: खराब
301-400: बहुत खराब
401-500: गंभीर
पीएमओ डॉ. संजीव ग्रोवर।
टीबी की मरीजों पर पड़ती है ज्यादा मार: PMO
इस बारे में सिविल अस्पताल के PMO डॉ. संजीव ग्रोवर का कहना कहा कि प्रदूषण बढ़ने से सांस, एलर्जी के मरीजों को परेशानियां बढ़ जाती हैं। टीबी के मरीजों पर भी इस मौसम का खास असर पड़ता है। ऐसे में सांस के मरीज व छोटे बच्चों को बाहर निकलने से बचना चाहिए।
घर से बाहर निकलें तो मास्क अवश्य पहनें। आंखों से पानी आने, जलन होने या सांस लेने में परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें। सुबह-शाम सैर करने वाले लोग इन दिनों में टहलने से परहेज करें।
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