मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू
हिमाचल के जोगेंद्रनगर में स्थापित शानन प्रोजेक्ट को लेकर प्रदेश और पंजाब सरकार में ठनती जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि शानन प्रोजेक्ट की 99 साल लीज अगले साल मार्च में पूरी हो रही है। इसलिए यह प्रोजेक्ट हिमाचल को मिलना चाहिए।
CM सुक्खू ने यह मामला उत्तर क्षेत्रीय परिषद की अमृतसर में संपन्न मीटिंग में भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समक्ष भी उठाया। उन्होंने कहा कि पंजाब के CM भगवंत मान से भी शानन प्रोजेक्ट हिमाचल को वापस करने का आग्रह किया है।
पंजाब CM के पत्र से हलचल
इस बीच पंजाब के CM भगवंत मान ने पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 के उपबंधों का तर्क देते हुए केंद्र को पत्र लिखकर शानन प्रोजेक्ट पंजाब सरकार के पास रखने की मांग कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। उन्होंने लिखा कि पंजाब पुनर्गठन एक्ट संसद में बना कानून है, जिसके आधार पर पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों का गठन हुआ।
पंजाब का दावा-48 मेगावाट से बढ़ाकर 110 मेगावाट की क्षमता
भगवंत मान ने केंद्र को लिखे पत्र पत्र में कहा कि पंजाब बिजली बोर्ड ने साल 1975 से 1982 तक अपने खर्चे पर शानन प्रोजेक्ट का विस्तार किया। पहले इसकी बिजली उत्पादन की क्षमता 48 मेगावाट थी, जिसे बढ़ाकर 110 मेगावाट किया गया। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में पूर्व निर्धारित स्थिति बरकरार रखते हुए शानन पावर हाउस की मलकीयत पंजाब के सुपुर्द करने की मांग की।
अब केंद्र के हाथ में गेंद
हिमाचल और पंजाब में शानन पावर प्रोजेक्ट पर मालिकाना हक की जंग छिड़ गई है। अब केंद्र सरकार फैसला लेगी की यह प्रोजेक्ट किसे सौंपा जाए। हिमाचल सरकार जब आय के नए संसाधन तलाश रही है, ऐसे में लगभग 200 करोड़ रुपए की सालाना आय का इंतजाम करने वाले शानन प्रोजेक्ट पर मालिकाना हक लेने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास करेगी।
वहीं पंजाब सरकार भी कमाऊ पूत शानन प्रोजेक्ट को छोड़ने को तैयार नहीं है।