पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह प्रकरण में इंटरनेट सेवाएं बंद करने का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने इसको लेकर एक जनहित याचिका दायर कर इंटरनेट सेवाएं बंद करने की कार्रवाई को चुनौती दी है। बता दें कि इंडियन टेलीग्राफ एक्ट की धारा 5 और टेंपरेरी सस्पेंशन ऑफ टेलीकॉम सर्विसेज (पब्लिक एमरजेंसी ऑफ पब्लिक सेफ्टी) रुल्स, 2017 के तहत सरकार ने इंटरनेट सेवाएं बंद की हैं।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के वकील ने याचिका में कहा है कि राज्य में कई हिस्सों पर इंटरनेट सेवाएं बाधित हैं और लोगों के सामान्य मैसेज भी नहीं जा रहे हैं। इससे लोगों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस याचिका पर जल्द सुनवाई होने की संभावना है।
बता दें कि पंजाब में इंटरनेट सेवाएं बाधित होने से लोगों के व्यापार, बिल पेमेंट, समेत टैक्सी पेयमेंट आदि कई प्रकार की ऑनलाइन सेवाएं बाधित हैं। बीते शनिवार से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
फैसले को गैर-संवैधानिक बताया
मामले में पंजाब सरकार को होम डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के जरिए पार्टी बनाया गया है। मांग की गई है कि बीते 17 मार्च के उन आदेशों को रद्द किया जाए जिनमें इंटरनेट और SMS सेवा बंद करने का फैसला लिया गया था। संबंधित आदेशों को गैरकानूनी, असंवैधानिक और सुप्रीम कोर्ट की विभिन्न जजमेंट्स की उल्लंघना बताया गया है।
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