एस• के• मित्तल
सफीदों, स्वास्थ्य विभाग सफीदों की टीमों ने एचडब्ल्यूसी अंटा के अंतर्गत गांव करसिंधू, टीटो खेड़ी, बड़ोद व बसीनी में स्वास्थ्य कर्मी मुकेश, विनय, रेखा, राकेश, आशीष, गीता, सीमा व पूजा ने रैपिड फीवर मास सर्वे के दौरान नुक्कड़ बैठकें करके लोगों को मलेरिया व डेंगू के प्रति जागरूक किया। उन्होंने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि सभी प्रकार के मच्छर बीमारी फैलाने में सक्षम नहीं हैं।
मलेरिया मादा एनाफलीज, डेंगू एवम् चिकनगुनियां एडीज व जापानी बुखार क्यूलेक्स नामक मच्छर के द्वारा व्यक्ति को काटने पर होता है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे घर या आसपास में पानी एकत्रित ना होने दें तथा कूलर, टंकी, होदी, ड्रम, मटके, गमले, फ्रीज के पीछे की ट्रे को खाली करके सुखने उपरांत प्रयोग में लाना चाहिए। इसके अलावा डिस्पोजल ग्लास, बोतल व अन्य कबाड़ी का समान का उचित निपटान करें। घर या संस्था के आसपास गड्डों को मिट्टी द्वारा भरना चाहिए या खड़े पानी में सप्ताह में एक बार काला तेल अवश्य डालना चाहिए जिससे पानी के ऊपर परत बन जाती है और लार्वा नष्ट हो जाता है।
मच्छरों से बचाव के लिए मच्चरदानी, खिड़की दरवाजों पर जालियां, मच्छररोधी उत्पादों क्वायल, लिकविड, क्रीम, फास्ट कार्ड का प्रयोग करना चाहिए। बुखार, सिरदर्द, उल्टी, शरीर दर्द, कमजोरी व चक्कर आना, सर्दी लगना, जोड़ो में दर्द होने आदि लक्षण नजर आने पर तुरंत अस्पताल में जाकर जांच करवानी चाहिए और पूर्ण ईलाज लेना चाहिए।