नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा से बात करते यमुनानगर-जगाधरी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रधान डॉ. एमके सहगल व अन्य पदाधिकारी।
यमुनानगर-जगाधरी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रधान डॉ. एमके सहगल ने सेक्रेटरी जनरल समीरा सलूजा, पूर्व-प्रधान सुधीर चंद्र के साथ सोमवार को निगम आयुक्त आयुष सिन्हा से उनके ऑफिस में मुलाकात की। उनसे कचरा संग्रहण विषय पर विस्तार से बात की। सभी मुद्दों को ध्यान से सुनने के बाद आयुक्त ने उनका जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया। समीरा सलूजा ने बताया कि उद्योगों को कचरा उठान की कोई सेवा प्रदान नहीं की जा रहीं है। उनसे इसकी एवज में संग्रहण शुल्क मांगा जा रहा है।
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यह शुल्क तभी वसूल किया जाए, जब यह सेवा नियमित रूप से उपलब्ध हो। उद्योगों के लिए कचरा संग्रहण दर की समीक्षा की जाए। उद्योगों से निकलने वाला अधिकतर कचरा पुनर्चक्रण योग्य होता है। उद्योगों को मासिक, त्रैमासिक, वार्षिक भुगतान करने का विकल्प देने पर विचार करें। डॉ. एमके सहगल ने विकास शुल्क का मुद्दा उठाया। कहा कि विकास शुल्क को हटाया जाए। औद्योगिक क्षेत्र पहले से ही विकसित है। सरकार, बिल्डर से खरीद के समय भूखंड धारकों द्वारा विकास शुल्क, जो भी उस समय था, का भुगतान किया जा चुका है।
संपत्तियां अस्वीकृत घोषित कर ले रहा निगम : सुधीर चंद्रा ने बताया कि यमुनानगर नगर-निगम विकसित किए जाने के बाद मौजूदा संपत्तियों, उद्योगों को अस्वीकृत संपत्तियों के रूप में चिह्नित किया गया है। जिले 90% संपत्तियां अस्वीकृत घोषित हैं, हालांकि नगर निगम 6-7 वर्षों से उनसे संपत्ति कर वसूल कर रहा है। अस्वीकृत घोषित होने के कारण, बैंकों ने आपत्तियां उठानी शुरू कर दी हैं।
निगम आयुक्त से की मुलाकात: औद्योगिक क्षेत्र में कचरा उठान की सुविधा नहीं, फिर भी शुल्क मांग रहा नगर निगमसीवरेज पंप पर नहीं बिजली कनेक्शन | प्रधान डॉक्टर सहगल ने कहा कि पुराने इंडस्ट्रियल एरिया में नई सीवरेज लाइन बिछाई गई है। सीवरेज पंप भी स्थापित किया जा चुका है, परन्तु नगर निगम द्वारा बिजली कनेक्शन करने की जरूरत है, ताकि पंप को सक्रिय किया जा सके। ऐसा होने के बाद ही प्लॉट धारक वहां सीवरेज लाइनों को नए सीवरेज सिस्टम से जोड़ना शुरू कर सकते हैं।
इंडस्ट्रियल एरिया में तूफान, बारिश का पानी अब नए बिछाए पाइपों के माध्यम से एकत्र किया जाता है। आउटलेट परमेश्वरी धर्म कांटा के पास पुराने औद्योगिक क्षेत्र सब्जी मंडी में स्थित ढके हुए नाले से किया गया है। बारिश होने से इस नाले में सफाई न होने के कारण उचित निकासी नहीं हो पाती, जिससे सामान और मशीनों को नुकसान पहुंचता है।