एस• के• मित्तल
सफीदों, सफीदों उपमंडल के गांव हाट में हर साल की भांति इस साल भी श्रवण मास के अंतिम रविवार को हटकेश्वर धाम धूमधाम से आयोजित किया गया। मेले में उत्तर भारत से सैंकड़ों लोगों ने भाग लेकर हटकेश्वर तीर्थ में स्नान किया और मंदिर दर्शन व पूजा-अर्चना की। वहीं लोगों ने मेले में लगी विभिन्न प्रकार की दुकानों में जमकर खरीददारी की और बच्चों ने झूला झूले। इस मौके पर मेला आयोजक कमेटी के द्वारा कुश्ती दंगल का भी आयोजन किया गया।
सफीदों, सफीदों उपमंडल के गांव हाट में हर साल की भांति इस साल भी श्रवण मास के अंतिम रविवार को हटकेश्वर धाम धूमधाम से आयोजित किया गया। मेले में उत्तर भारत से सैंकड़ों लोगों ने भाग लेकर हटकेश्वर तीर्थ में स्नान किया और मंदिर दर्शन व पूजा-अर्चना की। वहीं लोगों ने मेले में लगी विभिन्न प्रकार की दुकानों में जमकर खरीददारी की और बच्चों ने झूला झूले। इस मौके पर मेला आयोजक कमेटी के द्वारा कुश्ती दंगल का भी आयोजन किया गया।
जिसमें देश-प्रदेश से आए पहलवानों ने अपने-अपने जौहर दिखाए। दंगल सबसे ज्यादा मजेदार मुकाबला भारत केसरी मोनू कुराना व प्रवेश बहादुरगढ़ के बीच हुआ। दोनों पहलवानों ने 15 मिनट तक कड़ा मुकाबला किया। जिसमें मोनू कुराना विजेता रहे। कुश्ती दंगल के बीच बज रहे ढोल-नंगाडों ने पहलवानों में उत्साह भरने का कार्य किया। दंगल में विजेता रहे पहलवानों को इनामी राशी देकर सम्मानित किया गया। गौरतलब है कि हटकेश्वर धाम देश के 68 प्रमुख तीर्थों की जलधारा का संगम स्थल है जहां स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। हटकेश्वर धाम की परंपरा रही है कि सावन के चौथे रविवार को स्नान का विशेष महत्व है।
हटकेश्वर धाम का शिवपुराण में भी उल्लेख है। महाभारत युद्ध का गवाह भी यह स्थल है और कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आता है। किवंदति है कि महर्षि दधिचि ने देश के 68 प्रमुख तीर्थों की जलधारा यहां मंगवाकर स्नान करके हड्डियों का दान असुरों के विनाश के लिए दिया था। यहां स्नान और पूजा का विशेष महत्व है।