भारत हाई इनकम वाले देशों में शामिल हो चुका है। चिंता की बात ये है कि पिछले 20 सालों में लोगों की इनकम और संपत्ति में असमानता में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP) ने सोमवार को जारी हुई अपनी एक रिपोर्ट में यह दावा किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया के टॉप 10 देशों में शामिल हुआ है, जहां लोगों की इनकम बढ़ी तो है लेकिन सभी वर्गों की समान रूप से नहीं बढ़ी है। 10 फीसदी अमीर लोगों के पास देश की आधी संपत्ति है।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि देश में गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों की संख्या 2015-16 में 25 फीसदी से घटकर 2019-21 के दौरान 15 फीसदी पर आ गई है।
देश में गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों की संख्या 2015-16 में 25 फीसदी से घटकर 2019-21 के दौरान 15 फीसदी पर आ गई है।
18.50 करोड़ लोग गरीबी में रहने को मजबूर
रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 18.50 करोड़ लोग गरीबी में रहने को मजबूर हैं, जिनकी आय 2.15 डॉलर यानी 180 रुपए से भी कम है। कुछ ऐसे लोग भी है जो गरीबी रेखा से ठीक ऊपर हैं। ऐसे लोगों के फिर से गरीबी रेखा के नीचे जाने का खतरा बना हुआ है, जिसमें महिलाएं, असंगठित क्षेत्र के मजदूर, इंटर-स्टेट माइग्रेट्स शामिल हैं।
UNDP के रीजनल डायरेक्टर कन्नी विग्नाराजा ने कहा- रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि मौजूदा चुनौतियों पर काबू पाने के लिए हमें ह्यूमन डेवलपमेंट में इनवेस्टमेंट को प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही सभी देशों को ऐसा करने के लिए अपना रास्ता खुद तैयार करना होगा।
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12 से 120 अमेरिकी डॉलर रोज कमाने वालो की आबादी बढ़ी
रिपोर्ट के मुताबिक, 12 से 120 अमेरिकी डॉलर प्रति दिन कमाने वाले मध्यम वर्ग की आबादी भारत में बढ़ी है। ग्लोबल मिडिल-क्लास ग्रोथ में 24 फीसदी योगदान भारत का रहने वाला है, जो कि 19.2 करोड़ जनसंख्या के बराबर है।