देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं। भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान है।
इसके विरोध में सोमवार को देश के चार राज्यों में बसों का संचालन ठप रहा। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य शहरों में बसें नहीं चल रही हैं। राजस्थान में आधा दिन तक प्राइवेट गाड़ियां नहीं चलाई गईं।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में ट्रक ड्राइवरों ने सड़क पर वाहन खड़े कर टायरों में आग लगा दी। इसके चलते रास्ता जाम हो गया है। बिहार की राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में प्रदर्शन हो रहा है।
हिट एंड रन कानून पर विचार करे सरकार
ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने हिट एंड रन कानून को सख्त बनाने का विरोध किया है। संगठन ने चक्काजाम का आह्वान किया। इसके बाद से देशभर में हड़ताल शुरू हो गई है AIMTC की अगली बैठक 10 जनवरी को होगी। इसमें फैसला लिया जाएगा कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती, तो किस तरह से सरकार के सामने अपना पक्ष रखा जाए।
नए प्रावधान को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हुए AIMTC के अध्यक्ष अमृत मदान ने कहा कि हिट एंड रन के मामलों में कड़े कदम उठाने की जरूरत जरूर है। इस नए कानून के पीछे सरकार का इरादा अच्छा है, लेकिन प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं। इन पर दोबारा सोचने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान परिवहन क्षेत्र और ट्रक चालकों का है। भारत इस समय वाहन चालकों की कमी से जूझ रहा है, लेकिन सरकार का इस और कोई ध्यान नहीं है। ऐसे में 10 साल की सजा के प्रावधान के बाद अब ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।
ट्रकों की हड़ताल से जरूरी चीजों के दाम बढ़ेंगे
इस हड़ताल का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिलेगा। ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की आवक नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। वहीं, पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रुक जाएगी, जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत होगी।
भारत में 28 लाख से ज्यादा ट्रक हर साल 100 अरब किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हैं। देश में 80 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हैं, जो हर दिन जरूरत का सामान एक शहर से दूसरे शहर ट्रांसपोर्ट करते हैं। हड़ताल के कारण इतनी बढ़ी संख्या में ट्रकों के रुकने से जरूरी चीजों की किल्लत हो सकती है।
चार राज्यों में हड़ताल…
मध्यप्रदेश में बस-ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से यात्री परेशान, पेट्रोल पंप पर लंबी कतारें
मध्यप्रदेश में बस ड्राइवर हड़ताल पर हैं। अधिकतर जिलों में बसों के पहिए थमे हुए हैं। अकेले इंदौर में करीब नौ सौ बसें बंद हैं। यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग अपने निजी वाहनों में पेट्रोल-डीजल भरवाने पहुंचे तो पंपों पर भारी भीड़ लग गई। बालाघाट में भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। पढ़ें पूरी खबर…
बिहार में ट्रक ड्राइवर्स बोले- 10 हजार कमाते हैं, 7 लाख कहां से देंगे
बिहार में भी ट्रक ड्राइवर्स प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल ट्रक ड्राइवर मुन्ना ने बताया कि 10 हजार रुपए की तनख्वाह मिलती है। ऐसे में नए कानून के मुताबिक कहां से जमानत के लिए 7 लाख रुपए लाएंगे। 9-10 हजार की तनख्वाह मिलती है। दूसरी जिल्लत भरी जिंदगी है हम लोगों की। पढ़ें पूरी खबर…
छत्तीसगढ़ में स्टैंड से नहीं हिली बसें, बस्तर-सरगुजा में यात्रियों से झड़प; प्रदेश भर में चक्काजाम
छत्तीसगढ़ में सोमवार से बस और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते अधिकतर जिलों में बसों और ट्रकों के पहिए थमे हुए हैं। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा, जगदलपुर सहित अन्य जिलों में स्टैंड से बसें नहीं निकली हैं। वहीं हाईवे पर ट्रक खड़ा कर चालकों ने जाम लगा दिया है। पढ़ें पूरी खबर…
राजस्थान में आधे दिन के लिए गाड़ियों के चक्के जाम, सड़क पर नारेबाजी
राजस्थान के डूंगरपुर में प्राइवेट बस एसोसिएशन ने सोमवार को आधे दिन के लिए गाड़ियों के चक्के रोक दिए। इससे शहर से गांवों में जाने वाली प्राइवेट गाड़िया नहीं चली। इससे लोगों को परेशानी हुई। बस, जीप समेत अन्य गाड़ी संचालकों ने नए बस स्टैंड के पास इकट्ठे हुए और जमकर नारेबाजी की। पढ़ें पूरी खबर…
.
देश और प्रदेश में तीसरी बार प्रचंड बहुत से बनेगी भाजपा की सरकार: नायब सैनी
.