टोक्यो, एपी। अमेरिका में मुद्रास्फीति के नए आंकड़े सामने आने के बाद बुधवार को ज्यादातर वैश्विक शेयर बाजारों में तेजी रही। हालांकि, अमेरिका में मुद्रास्फीति 40 साल के उच्च स्तर पर बनी हुई है लेकिन मुद्रास्फीति उतनी ज्यादा खराब नहीं रही, जिनती कुछ विश्लेषकों ने उम्मीद जताई थी।
जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और ऑस्ट्रेलिया में बेंचमार्क बेहतर रहे और ऊपर चढ़कर बंद हुए। अमेरिकी वायदा और तेल की कीमतों में भी तेजी आई। अमेरिका का डाऊ फ्यूचर्स 0.5% बढ़कर 34,291.00 पर पहुंच गया। इसके अलावा एसएंडपी 500 वायदा 0.6% बढ़कर 4,419.00 पर पहुंच गया।
टोक्यो के निक्केई 225 में 1.9% का उछाल देखा गया, जिससे यह 26,843.49 पर पहुंच गया। वहीं, ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएस 200, 0.3% बढ़कर 7,479.00 पर पहुंच गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 1.9% बढ़कर 2,716.49 पर पहुंच गया।
इनके अलावा हांगकांग का हैंग सेंग 0.3% बढ़कर 21,374.37 पर जबकि शंघाई कंपोजिट 0.8% की गिरावट के साथ 3,186.82 पर बंद हुआ। जी हां, शंघाई में शेयर बाजार में गिरावट आई है।
ऐसा तब हुआ जब चीनी सरकार द्वारा जानकारी देने के बाद कि एक साल पहले के मुकाबले मार्च 2022 में निर्यात लगभग 16% बढ़ा, जबकि आयात सपाट रहा। बता दें कि चीन के अधिकांश सबसे शहरों में लॉकडाउन का तीसरे सप्ताह जारी है।
एसीवाई सिक्योरिटीज के मुख्य अर्थशास्त्री क्लिफोर्ड बेनेट ने कहा कि चीन धीरे-धीरे लॉकडाउन को हल्का कर रहा है। यह अच्छा है। अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए किसी न किसी रूप में प्रोत्साहन दिया जा सकता है।
भारत के शेयर बाजार में भी गिरावट देखी गई। BSE का सेंसेक्स 237.44 अंक नीचे आकर 58,338.93 अंक पर बंद हुआ जबकि NSE का निफ्टी 54.65 अंक या 0.31% गिरकर 17,475.65 अंक पर बंद हुआ।