ड्रग एवं हिंसा मुक्त मेरा गांव मेरी शान अभियान: नशे की लत में फंसे लोगों की पहचान के लिए डोर-टू-डोर सर्वे के निर्देश

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एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने साेमवार काे अपने कार्यालय में ड्रग एवं हिंसा मुक्त मेरा गांव मेरी शान अभियान की समीक्षा की। इस दाैरान पुलिस अधिकारियाें काे बुजुर्गाें का सम्मान सुनिश्चित करने और नशे के जाल में फंसे किशाेराें एवं युवाओं की पहचान करने के निर्देश दिए।

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इसके लिए मंडल के हर गांव में डाेर टू डाेर सर्वे करने के लिए कहा है। एडीजीपी ने बताया कि प्रदेश काे नशे से मुक्त करने का स्टेट एक्शन प्लान बना रखा है जिसके तहत काम हाेना है। सर्वे के दौरान नशे के आदी लाेगाें की काउंसलिंग व इलाज करवाकर सही राह पर लाना है।

पर्यवेक्षण अधिकारियों व टीम प्रभारियाें काे निर्देश दिए कि डोर टू डोर सर्वे के दौरान घरों में बुजुर्गों से भी मुलाकात करके उनका हाल चाल जानेंगे। अगर उन्हें कोई समस्या है तो उसका निदान करेंगे। ऐसे बुजुर्गों का संपर्क नंबर भी साथ रखेंगे ताकि समय-समय पर उनका हालचाल जान सकें। बुजुर्गों का सम्मान हमारी संस्कृति का हिस्सा है।

उन्हें लगे की पुलिस हमारी दोस्त है। उनकी बातों को ध्यान से सुना जाए। जिस घर में बुजुर्गाें, बच्चों व महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान है, वह घर ड्रग एवं हिंसा मुक्त है और यही आंकलन का सीधा पैमाना है। इस दाैरान युवाओ काे नशे के खिलाफ जागरूक करके अपनी ऊर्जा पढ़ाई व खेलाें में लगाने के लिए प्रेरित किया जाए।

 

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