डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख राम रहीम शुक्रवार को 30 दिन के पैरोल लेकर उत्तर प्रदेश के बागपत आश्रम में पहुंच गया। डेरा प्रमुख के साथ उसकी मुंहबोली बेटी हनीप्रीत और राम रहीम का चचेरा भाई भी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि हनीप्रीत, डेरा प्रबंधन और परिवार के बीच विवाद चल रहा है और इसी विवाद को सुलझाने के लिए राम रहीम 5 महीने में दूसरी बार पैरोल पर बाहर आया है।
डेरा प्रमुख के परिवार ने 4 जून 2022 को कुछ लोगों पर उनके नाम पर परमार्थ (चंदा) लेने के आरोप लगाए थे। परिवार ने इसके लिए बाकायदा सोशल मीडिया में एक पत्र भी जारी किया। उसके अगले ही दिन डेरा प्रबंधन को इन आरोपों पर सफाई देनी पड़ी।
पहली बार परिवार ने खुलकर लगाए आरोप
पांच साल पहले राम रहीम को जेल होने के बाद पहली बार, 4 जून 2022 को उसके परिवार ने आरोप लगाया कि सिरसा डेरे में उनके खिलाफ गुप्त मीटिंग हो रही हैं। राम रहीम के परिवार के ट्विटर अकाउंट पर इससे जुड़ा एक लैटर पोस्ट किया गया जिसे डेरा प्रमुख की बेटी अमरप्रीत और चरणप्रीत ने रि-ट्वीट भी किया। लैटर के अंत में परिवार के सभी सदस्यों जैसे डेराप्रमुख की मां नसीब कौर, बेटे जसमीत सिंह और दोनों बेटियों चरणप्रीत व अमरप्रीत के नाम लिखे थे। यह लैटर डेराप्रेमियों और सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। लैटर में डेराप्रमुख की पत्नी और दोनों दामाद के नाम नहीं थे।
इसी विवाद के बीच डेराप्रमुख की छोटी बेटी अमरप्रीत अपने पति के साथ बच्चों की पढ़ाई के बहाने विदेश चली गई। डेराप्रमुख का बाकी परिवार भी विदेश जाने की तैयारी में है। इसका खुलासा खुद राम रहीम ने जेल से जारी अपनी चिट्ठी में किया।
परिवार के नाम पर चंदा वसूलने का आरोप
डेराप्रमुख के परिवार की ओर से पोस्ट किए गए लैटर में लिखा गया कि उनका नाम लेकर लोगों से परमार्थ (चंदा) इकट्ठा किया जा रहा है जबकि परिवार ने कभी किसी को ऐसा करने के लिए नहीं कहा। परिवार ने संगत से अपील की कि वह ऐसे लोगों से बचकर रहे। साथ ही अगर किसी ने उनका नाम लेकर परमार्थ मांगा है या उनके नाम से परमार्थ लिया है तो उस व्यक्ति की पूरी डिटेल मैसेज करें। परिवार इसकी जांच करके संबंधित व्यक्ति से संपर्क करेगा। परिवार ने स्पष्ट किया था कि उसने कभी किसी को परमार्थ इकट्ठा करने के लिए नहीं कहा।
गुप्त मीटिंग कर छवि खराब करने की कोशिश
डेराप्रमुख के परिवार की ओर से पोस्ट किए गए लैटर में यह भी लिखा गया कि कुछ शरारती लोग अपने स्वार्थ के लिए गुप्त मीटिंग कर उनके बारे में गलत प्रचार कर रहे हैं। लोगों को गुमराह और उनकी छवि खराब कर रहे हैं। अगर संगत में किसी के पास भी ऐसा करने वालों की जानकारी है तो वह परिवार को भेजें। परिवार उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।
विदेश में न घर, न कारोबार
परिवार ने कहा कि ऐसा प्रचार किया जा रहा है कि डेराप्रमुख के परिवार ने विदेश में घर खरीद रखे हैं और उनके वहां कारोबार सेट हैं। ऐसी बातें झूठ हैं। परिवार जानता है कि यह शरारती लोग अपनी स्वार्थ पूर्ति के पूरे प्रयास करेंगे इसलिए परिवार को इस कठिन समय में संगत के सहयोग की जरूरत है।
अगले ही दिन डेरा प्रबंधन को देनी पड़ी सफाई
राम रहीम के परिवार ने 4 जून को लैटर जारी किया और इसके अगले ही दिन यानि 5 जून को सिरसा डेरे का प्रबंधन बचाव में आया। डेरा प्रबंधन ने ट्वीट कर परिवार के आरोपों को निराधार बताया। डेरा प्रबंधन ने कहा कि सिरसा डेरे में गांव, शहर व ब्लॉक स्तर पर मानवता भलाई के 139 काम संगत आपसी योगदान देकर करवा रही है। यहां किसी व्यक्ति विशेष के नाम पर परमार्थ न कभी लिया गया और न ऐसा करने की किसी को अनुमति है। संगत को सचेत रहना है।
बेटी विदेश गई तो डेरा प्रबंधन मिलने तक नहीं पहुंचा
डेरा प्रमुख के परिवार और डेरा प्रबंधन के बीच तल्खियां आ चुकी हैं। डेरा प्रमुख की छोटी बेटी अमरप्रीत अपने परिवार के साथ विदेश जा चुकी है। उसके विदेश जाते समय डेरा प्रबंधन के सदस्य मिलने तक नहीं पहुंचे। अमरप्रीत ने ट्वीट करके इस पर अपना दर्द बयां भी किया। अमरप्रीत ने कहा कि उन्हें परिवार छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।
डेराप्रमुख ने भी किया संगत से बहकावे में न आने की अपील
इस पूरे विवाद के बीच रोहतक जेल में बंद डेराप्रमुख राम रहीम ने चिट्ठी जारी कर विवाद को शांत करने का प्रयास किया। राम रहीम ने अपनी चिट्ठी में पहली बार परिवार के सदस्यों के नाम लिखे और डेरा प्रबंधन को संदेश देने की कोशिश की। डेरा प्रमुख ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि उनके सारे सेवादार, एडमिन ब्लॉक सेवादार, जसमीत सिंह, चरणप्रीत, हनीप्रीत, अमरप्रीत सब एक हैं। सब उनके वचनों पर चलते हैं। यह चारों उन्हें एक साथ रोहतक छोड़ने आए और वापस भी एक साथ गए। जसमीत, चरणप्रीत और अमरप्रीत ने उनसे ‘हायर स्टडी’ के लिए बच्चों के साथ विदेश जाने की अनुमति ली है। इसलिए साध-संगत को किसी के बहकावे में नहीं आना।
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