हरियाणा के झज्जर में विभिन्न खाप पंचायतों से जुड़े लोगों ने शुक्रवार को लघु सचिवालय में पहलवानों के समर्थन में धरना दिया। खाप पदाधिकारियों ने कहा कि बेटियों न्याय दिलाकर रहेंगे। मामला चाहे कुश्ती संघ प्रधान बृजभूषण का हो या मंत्री संदीप का, सरकार किसान आंदोलन को न भूले। डीसी को शक्ति सिंह को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर बेटियों को न्याय दिलाने में हस्तक्षेप की मांग की गई।
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दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों के समर्थन में शुक्रवार को खाप पंचायतें झज्जर पहुंची और कर्मचारी संगठनों के साथ धरना दिया। करीब तीन घंटे तक धरना दिए जाने के बाद इन खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने डीसी शक्ति सिंह को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में राष्ट्रपति से बेटियों को न्याय दिलाने के मामले में हस्तक्षेप किए जाने की मांग की।
झज्जर में डीसी को ज्ञापन सौंपते खाप और कर्मचारी प्रतिनिधि।
धरने में गुलिया खाप, धनखड़ खाप के अलावा जिलाभर की अन्य खाप पंचायतें भी शामिल हुई। इस दौरान चिंटू छारा ने आंदोलनकारियों की तरफ से एक तरह सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार खिलाड़ियों की मांगों को जल्द से जल्द मानकर कुश्ती फैडरेशन के अध्यक्ष बृजभषण शरण की गिरफ्तारी कराए। अन्यथा सरकार के सामने इस मामले में गंभीर परिणाम सामने आएगें।
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चिंटू छारा ने यह भी कहा कि जूनियर खिलाड़ी के मामले में मंत्री संदीप सिंह को बचाने में हरियाणा की खट्टर सरकार और बृजभूषण शरण को बचाने में केन्द्र सरकार अपनी पूरी भूमिका निभा रही है। लेकिन सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि ठीक ऐसी ही गलतफहमी कृषि कानूनों को लेकर भी मोदी सरकार को थी। बाद में उसे झुकना पड़ा था।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि हमें पता है कि चाहे केन्द्र की हो या फिर हरियाणा की सरकार, यह सरकारें ले-ल्यो के नारे और ट्रैक्टरों की रेस से डरती है। यदि बेटियों को न्याय नहीं मिला तो फिर यह इतिहास भी दोहराया जा सकता है।
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झज्जर में पहलवानों के समर्थन में खाप-पंचायतों का धरना: बोले- बेटियों को न्याय दिलाने ट्रैक्टर मार्च निकालने से नहीं हटेंगे पीछे
हरियाणा के झज्जर में विभिन्न खाप पंचायतों से जुड़े लोगों ने शुक्रवार को लघु सचिवालय में पहलवानों के समर्थन में धरना दिया। खाप पदाधिकारियों ने कहा कि बेटियों न्याय दिलाकर रहेंगे। मामला चाहे कुश्ती संघ प्रधान बृजभूषण का हो या मंत्री संदीप का, सरकार किसान आंदोलन को न भूले। डीसी को शक्ति सिंह को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर बेटियों को न्याय दिलाने में हस्तक्षेप की मांग की गई।
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उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि हमें पता है कि चाहे केन्द्र की हो या फिर हरियाणा की सरकार, यह सरकारें ले-ल्यो के नारे और ट्रैक्टरों की रेस से डरती है। यदि बेटियों को न्याय नहीं मिला तो फिर यह इतिहास भी दोहराया जा सकता है।
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