भारतीय राष्ट्रीय तिरंगा ध्वज के निर्माता पिंगली वेंकैया की धुमधाम से मनाई जयंती
एस• के • मित्तल
जींद, जींद जिले के धनी रामगढ़ में स्थित सरकारी स्कूल में भारतीय राष्ट्रीय तिरंगा ध्वज के निर्माता पिंगली वेंकैया की जयंती धुमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी मदनलाल चोपडा ने बताया कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है, ये बात तो आपको पता होगी, लेकिन अपने राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ी हुई कई ऐसी बातें हैं जो शायद ही आप जानते होंगे। आजादी के अमृत महोत्सव पर सरकार ने इस वर्ष हर घर तिरंगा अभियान पूरे भारत में चलाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत सभी नागरिकों को 13 से 15 अगस्त के बीच अपने-अपने घर पर तिरंगा लगाने का आग्रह किया गया है। दो अगस्त का हमारे तिरंगे से भी एक विशेष संबंध है।
इसी दिन श्री पिंगली वेंकैया जी की जयंती है। उन्होंने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय तिरंगा ध्वज के निर्माता पिंगली वेंकैया के आज जन्म दिवस को लेकर स्कूल अध्यापकों द्वारा विद्यार्थियों को विस्तार से जानकारी दी गई। इसके अलावा हर घर तिरंगा अभियान को लेकर भी बच्चों को जानकारी मुहैया करवाई।
पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था तिरंगा:
स्वर्गीय श्री पिंगली वेंकैया का देश की आजादी में बड़ा योगदान हैै। पिंगली वेंकैया एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म 1876 में आंध्र प्रदेश के एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। श्री पिंगली वेंकैया ने 1916 के बाद करीब 5 सालों के अध्ययन के बाद तिरंगे को डिजाइन किया था। देश की आजादी से कुछ दिनों पहले 22 जुलाई 1947 के दिन तिरंगे को आधिकारिक तौर पर फहराया गया था। इसमें तीन रंग थे केसरिया, सफेद और हरा। तिरंगे में अशोक चक्र लगाया गया, जो आजतक चल रहा है। झंडे को इस्तेमाल करने और फहराने को लेकर एंबलम एंड नेम प्रिवेंशन ऑफ प्रॉपर यूज एक्ट 1950 बनाया गया था। तिरंगे को श्री पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था।
स्वर्गीय श्री पिंगली वेंकैया का देश की आजादी में बड़ा योगदान हैै। पिंगली वेंकैया एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म 1876 में आंध्र प्रदेश के एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था। श्री पिंगली वेंकैया ने 1916 के बाद करीब 5 सालों के अध्ययन के बाद तिरंगे को डिजाइन किया था। देश की आजादी से कुछ दिनों पहले 22 जुलाई 1947 के दिन तिरंगे को आधिकारिक तौर पर फहराया गया था। इसमें तीन रंग थे केसरिया, सफेद और हरा। तिरंगे में अशोक चक्र लगाया गया, जो आजतक चल रहा है। झंडे को इस्तेमाल करने और फहराने को लेकर एंबलम एंड नेम प्रिवेंशन ऑफ प्रॉपर यूज एक्ट 1950 बनाया गया था। तिरंगे को श्री पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था।
लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा रानी तालाब पर लगा तिरंगा:
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि देश की आजादी के 75वें वर्ष में मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत एतिहासिक रानी तालाब में आन-बान-शान से लहरा रहा विशाल राष्ट्रीय ध्वज सहज ही लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। शहर में आने-जाने वाला हर व्यक्ति एक बार इस तिरंगे झंडे को टकटकी लगाकर जरूर निहारता है। आजादी अमृत महोत्सव में खुले गगन में लहराता हुआ देश का तिरंगा मानो लोगों से 13 अगस्त से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान के तहत अपने घर पर तिरंगा फहराने और इस राष्ट्रव्यापी अभियान में भागीदार बनने का आह्वान कर रहा हो।
क्या है तीन रंगों का महत्व:
तिरंगे में मौजूद केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतीक है, जबकि हरा रंग संपन्नता का प्रतीक होता है। वहीं अशोक चक्र धर्म चक्र का प्रतीक है। तब से अब तक भारत के झंडे में कोई बदलाव नहीं हुआ है
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि देश की आजादी के 75वें वर्ष में मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत एतिहासिक रानी तालाब में आन-बान-शान से लहरा रहा विशाल राष्ट्रीय ध्वज सहज ही लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। शहर में आने-जाने वाला हर व्यक्ति एक बार इस तिरंगे झंडे को टकटकी लगाकर जरूर निहारता है। आजादी अमृत महोत्सव में खुले गगन में लहराता हुआ देश का तिरंगा मानो लोगों से 13 अगस्त से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान के तहत अपने घर पर तिरंगा फहराने और इस राष्ट्रव्यापी अभियान में भागीदार बनने का आह्वान कर रहा हो।
क्या है तीन रंगों का महत्व:
तिरंगे में मौजूद केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतीक है, जबकि हरा रंग संपन्नता का प्रतीक होता है। वहीं अशोक चक्र धर्म चक्र का प्रतीक है। तब से अब तक भारत के झंडे में कोई बदलाव नहीं हुआ है