जम्मू-कश्मीर के एक IAS अधिकारी अशोक परमार ने प्रशासन पर भेदभाव, उत्पीड़न और धमकाने का आरोप लगाया है। अशोक ने कहा कि मैंने जल शक्ति विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का भंडाफोड़ किया था। इसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर प्रशासन उनका उत्पीड़न कर रहा है। साथ ही धमकियां भी दे रहा है। मैं दलित हूं, इसलिए पिछले एक साल में मेरा पांच बार तबादला किया गया।
उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में मामले की शिकायत की है। इसके साथ ही अशोक ने केंद्रीय गृह सचिव को लेटर लिखकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
लेटर में उन्होंने लिखा- मुझे दो हाई लेवल बैठकों से बाहर निकाल दिया गया। वहीं, अन्य अधिकारियों के सामने अपमानित भी किया गया। अशोक का कहना है कि मुझे डर है कि प्रशासन मुझे झूठे केस में फंसा सकता है।
1992 बैच के IAS अशोक परमार गुजरात के रहने वाले हैं। वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। मार्च 2022 में उन्हें एजीएमयूटी कैडर में वापस भेज दिया गया। फिर पांच में 2022 को उनका तबादला कर उन्हें प्रमुख सचिव जल शक्ति विभाग पर तैनात किया गया।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
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