बिजली आने के बाद 75 साल में पहली बार पूरा इलाका बल्ब के लाइटों से जगमग हो गया।
जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर को आजादी के बाद पहली बार रविवार को पावर ग्रिड से जोड़ा गया। पाकिस्तान बॉर्डर से सटे इस इलाके में अब तक डीजल जनरेटर से बिजली आती थी।
कश्मीर इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (KPDCL) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कल इसकी घोषणा की। अधिकारियों ने बताया कि गुरेज सेक्टर जम्मू-कश्मीर का एकमात्र ऐसा इलाका था, जो बिजली के लिए जनरेटर सेट पर निर्भर था।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस दिन को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा- सर्दियों के मौसम में बर्फबारी के दौरान गुरेज सेक्टर में महीनों तक बिजली नहीं आती थी। 33/11kV रिसीविंग स्टेशन से 1,500 उपभोक्ताओं को फायदा हुआ है।
सर्दियों में बर्फबारी के दौरान गुरेज में महीनों तक बिजली नहीं आती थी।
लोगों ने नाच-गाने के साथ मनाई खुशियां
बांदीपोरा-गुरेज ट्रांसमिशन लाइन प्रोजेक्ट के तहत गुरेज को पावर ग्रिड से जोड़ा गया है। बिजली आने के बाद 75 साल में पहली बार पूरा इलाका बल्ब के लाइटों से जगमग हो गया। स्थानीय लोगों ने नाच-गाने के साथ बिजली विभाग के कर्मचारियों का आभार जताया।
कभी आतंकियों के घुसपैठ का रास्ता था गुरेज
श्रीनगर से गुरेज की दूरी 123 किलोमीटर और बांदीपोरा से 85 किलोमीटर है। गुरेज में छह महीने काफी बर्फबारी होती है। जिसके कारण सर्दियों में अधिकतर लोग बांदीपुर या फिर श्रीनगर चले जाते हैं।
गुरेज घाटी पहले आतंकियों के घुसपैठ करने का रास्ता हुआ करता था। सरकार ने यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए, जिसके कारण अब यह कश्मीर की काफी पॉपुलर वैली बन चुकी है। यहां हर साल बड़ी संख्या में देश-विदेश से टूरिस्ट आते हैं। 2021 में यहां रिकॉर्ड 4 लाख टूरिस्ट्स आए थे।
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जम्मू- कश्मीर में शुरू हुई ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’:यात्रा 78 शहरों से भी होकर गुजरेगी
जम्मू कश्मीर में 15 नवंबर से ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के पहले चरण की शुरुआत हो गई है। इस यात्रा की शुरुआत राजोरी जिले के आदिवासी इलाकों से हुई। बाकी जिलों में 20 नवंबर से यात्रा शुरू हुई। इस यात्रा का मकसद 2047 तक एक विकसित भारत के लिए कमजोर आबादी तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाना है।