एस• के• मित्तल
सफीदों सेवा के नाम पर दिखावा करने वाले एक तरफ सेवा करने का दम भरते हैं तो वहीं दूसरी तरफ आसपास रहने वालों के लिए परेशानियां भी पैदा कर रहे हैं। नगर में इन दिनों छबील के नाम पर चारो ओर कुड़ा-कर्कट फैलाया जा रहा है। इन सब चीजों को देखकर भी प्रशासन व पालिका पूरी तरह से मौन है। गौरतलब है कि आजकल नगर में गर्मी को देखते हुए जगह-जगह पानी की छबीलें लगाई जा रही हैं।
इस मीठे पानी को तैयार करने का कोई मापदंड नहीं है तथा इसे पीकर लोग बीमार भी पड़ रहे हैं और इसकों पिलाने में प्रयोग किए जाने वाले डिस्पोजल गिलास के ढेर नगर में कहीं भी दिखाई पड़ जाते हैं। यह डिस्पोजल हवा में उड़कर लोगों के घरों व दुकानों में घुस जाती है और कोई इसे जलाकर नष्ट करता है तो उससे पर्यावरण में भारी प्रदूषण फैलता है तथा यह डिस्पोजल नाले-नालियों में फंसकर उन्हे ब्लाक करने का काम करते हैं। छबील लगाने वाले और पालिका कर्मचारी इस डिस्पोजल को उठाने का कोई भी प्रबंध नहीं करते।
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जगह-जगह पर लगने वाली छबील पर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है और वह सरासर आंखें मूंदें बैठा है। प्रशासन की तरफ से इस मामले में कोई गाइडलाइन नहीं है। जिसकी वजह से सेवा के नाम पर सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती है और बात करने पर आयोजक लोगों के साथ बदतमीजी भी करते हैं।