चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के निदेशक डॉ० आदित्य दहिया ने किया नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण

एस• के • मित्तल 

जींद,      चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के निदेशक डॉ आदित्य दहिया ने कहा कि संबंधित एजेंसी जींद में बन रहे राजकीय मेडिकल कालेज के पहले चरण का  कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा करवाएं। ताकि जींद व आसपास क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का जल्द से जल्द फायदा मिलना शुरू हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि निर्माणाधीन मेडिकल भवन के निर्माण में लगाई जाने वाली सामग्री गुणवत्ता पूर्वक होनी चाहिए।
जिले की यह पहली सबसे बड़ी विकास परियोजना है। निर्माणाधीन  कालेज के निर्माण की समूची प्रक्रिया देखने के लिए चंडीगढ़ मुख्यालय से डॉ० राहुल चावला संयुक्त निदेशक और आर एस चंदेल कार्यकारी अभियंता कार्यालय निदेशक चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान हरियाणा पंचकुला तथा स्थानीय जिला प्रशासन के अधिकारियों ने निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। एजेंसी के अधिकारियों ने निदेशक को बताया कि कॉलेज का निर्माण कार्य प्रगति पर है और कार्य की भौतिक प्रगति  24 प्रतिशत है। निर्माण कार्य में बरती जाने वाली सामग्री गुणवत्ता पूर्वक है। कॉलेज का निर्माण गांव हैबतपुर में 24 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है। गौरतलब है कि 2014 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जींद में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। मेडिकल कॉलेज का निर्माण दो चरणों में 750 करोड़ रुपये से होना है। पहले चरण में 525 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर कॉलेज मैं प्रति वर्ष 150 विद्यार्थी एम.बी.बी.एस की पढ़ाई कर सकेंगे। सरकारी मेडिकल कॉलेज में 750 बिस्तरों वाले अस्पताल ब्लॉक, छात्र और छात्राओं के लिए छात्रावास, निदेशक निवास, संकाय और कर्मचारियों के लिए निवास शामिल हैं।
मेडिकल कॉलेज का पहला चरण सबसे अहम है। पहले चरण में 12 बड़े ब्लॉक बनाए जाने हैं। इनमें प्रशिक्षण अस्पताल, पुलिस स्टेशन, कचरा प्रबंधन भवन, बिजली घर, लड़के और लड़कियों के हॉस्टल, नर्सिंग हॉस्टल, जूनियर और सीनियर चिकित्सकों के लिए हॉस्टल, प्राचार्य आवास, शॉपिंग कांप्लेक्स, गेस्ट हाउस, 650 बेड का अस्पताल, पैथ लैब के लिए इमारत, ब्लड बैंक, ओपीडी भवन, रेडियोग्राफी ब्लॉक जैसे भवन शामिल हैं। इन पर लगभग 525 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। वहीं दूसरे चरण में 139.63 करोड़ रुपये रुपये से अन्य निर्माण किए जाने हैं। ऐसे में पहले चरण का निर्माण कार्य होने के बाद उपकरण लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इससे जिले की सबसे बड़ी परियोजना को गति मिलेगी।
मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य सही गति से चल रहा है। प्रयास है कि मई 2023 से पहले ही प्रथम चरण का काम पूरा हो जाए।

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