ग्रामीण विकास का पाठ पढ़ने कनाडा पहुंची महिला सरपंच अर्शदीप कौर बोली: निमनाबाद को देंगे कनाडियन लुक

एस• के• मित्तल   
सफीदों,        सरकार ग्रामीण विकास पर जोर दे रही है और प्रशासन भी क्रिएटिव है फिर क्यों ना कुछ नया किया जाए। यह विचार सफीदों के निमनाबाद गांव की महिला सरपंच अर्शदीप कौर ने कनाडा के लिए रवाना होने से पूर्व यहां सांझा किया। महिला सरपंच ने बताया कि उन्होंने अपने गांव को कैनेडियन लुक देने का लक्ष्य बनाया है और इसके लिए वह 5 महीने के लिए कनाडा जा रही हैं।
जहां वह ओंटारियो व नोवा स्कॉटिया आदि इलाकों में विकास का पाठ वहां की जनता व प्रशासकों से पढ़ेंगी और फिर अपने गांव में कुछ युनीक करने का प्रयास करेंगी। इसके लिए उनकी ओंटारियो में कई लोगों से बात हुई है और वह अपने गांव का नक्शा, आबादी व रकबे आदि का कुछ रिकॉर्ड भी साथ ले लिया है। इसके लिए वह एयर कनाडा की फ्लाइट से कनाडा चली गई। पिछले आम चुनावों में सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित सरपंच पद पर चुनी गई सरदार सुखवंत पाल सिंह की पुत्रवधू अर्शदीप कौर मूलत: जिला कैथल के मलिकपुर गांव की हैं जो सफीदों के सिख बाहुल्य गांव निमनाबाद के हरपाल सिंह के साथ शादीशुदा हैं। वह लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं। उनके पति हरपाल सिंह कनाडा में मैकेनिकल इंजीनियर हैं।
उन्होंने बताया कि कनाडा में ग्रामीण इलाकों के बेहतरीन प्रबंधन की जानकारी ले उसे अपने गांव में लागू करने का मशवरा उन्हें ग्राम सचिव मुकेश भारद्वाज ने दिया है जो दोनों पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद ड्यूटी के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं। अर्शदीप कौर ने बताया कि विकास व सामाजिक जिम्मेदारियों में गांव के भले लोगों को मान-सम्मान दे आपसी सद्भाव कायम करना व सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में जनभागीदारी बढ़ाने की योजना तो उनके मन में है लेकिन कैनेडा से बहुत कुछ सीखना जरूरी है कि किस तरह वहां बेहतरीन माहौल में छोटी-छोटी आबादी के लिए भरपूर सुविधाएं सुलभ हैं। उन्होने कहा कि माना कि कैनेडा विकसित देश है और हम विकासशील लेकिन कम खर्च में बहुत कुछ वैसा ही हम भी कर सकते हैं।
ग्राम सचिव मुकेश भारद्वाज ने बताया कि महिला सरपंच के मन में पिछले कई महीने से यह विचार चल रहा था। आखिर उन्होंने आगामी दिसंबर तक 5 महीने की छुट्टी सम्बंधित अधिकारियों से ले ली। उसके बाद ग्राम पंचायत का कार्यभार बहुमत की महिला पंच कुलबीर कौर को 21 जुलाई के दिन विधिवत सौंप दिया गया।

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