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एस• के • मित्तल
सफीदों, गुरू पुर्णिमा के अवसर पर नगर के हेलो स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर स्कूल में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों ने अपने अध्यापकों के ऊपर पुष्पवर्षा की। स्कूल की निदेशक कविता शर्मा ने बच्चों को गुरु के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा महर्षि वेदव्यास की जन्म जयंती के रूप में मनाई जाती है। ऋषि वेदव्यास वेदों के रचनाकार हैं
सफीदों, गुरू पुर्णिमा के अवसर पर नगर के हेलो स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर स्कूल में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों ने अपने अध्यापकों के ऊपर पुष्पवर्षा की। स्कूल की निदेशक कविता शर्मा ने बच्चों को गुरु के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गुरु पूर्णिमा महर्षि वेदव्यास की जन्म जयंती के रूप में मनाई जाती है। ऋषि वेदव्यास वेदों के रचनाकार हैं
और महाभारत महाकाव्य की रचना की। उन्होंने कहा कि मां हमारी पहली गुरु है। उसके बाद हमारे विद्यालय में पढ़ाने वाले हमारे अध्यापकगण हमारे गुरु हैं। हमें अपने गुरुओं के प्रति पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास रखना चाहिए। भारतीय संस्कृति में गुरू को विशेष महत्व है। हम सबका यह कर्तव्य है कि हम इन मूल्यों को सहेजकर रखें और एक-दूसरे का सम्मान करना हमारी हररोज की दिनचर्या बनाएं।
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