गुजरात में सूरत जिले के ओलपाड में एक व्हेल मछली के बच्चे के रेस्क्यू का एक दिलचस्प मामला सामने आया है। समुद्र किनारे कीचड़ में फंसी इस व्हेल का चौबीस घंटे रेस्क्यू चला।
रेस्क्यू ऑपरेशन में वन-विभाग की टीम के साथ पूरा गांव जुटा रहा। आखिरकार सभी की मेहनत रंग लाई और आज दोपहर को उसे समुद्र में छोड़ दिया गया।
ज्वारभाटा के चलते तट पर फंस गई थी व्हेल
रविवार दोपहर को ओलपाड तालुका के मोर गांव के पास समुद्री तट पर करीब 20 फील लंबी व्हेल तट पर आकर कीचड़ में फंस गई थी। इस दौरान समुद्र में ज्वार उठा था, जिससे व्हेल का यह बच्चा समुद्र किनारे आ गया था। शाम को कुछ मछुआरों ने इसे देखा तो मदद के लिए गांव के और लोगों को बुलाया।
गड्ढा खोदते समय कई युवक बाल्टियों और डिब्बों से व्हेल पर पानी डालते रहे।
बाल्टियों-डिब्बों से डालते रहे पानी
शुरुआत में लोग व्हेल के मुंह में बाल्टियों और डिब्बों से पानी भरते रहे, जिससे कि उसकी सांसे चलती रहें। इस दौरान विभाग की टीम के साथ अन्य लोग खेती-किसानी के औजारों से मछली के चारों तरफ गड्ढा करते रहे। यह सिलसिला तड़के सुबह तक चलता रहा।
गड्ढा खोदकर उसमें समुद्र का पानी भरा गया
इसके बाद वन विभाग और स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरु किया। व्हेल को बचाने के लिए वहीं पर एक गड्ढा खोदकर उसमें समुद्र का पानी भरा गया, जिससे कि उसकी सांसें चलती रहीं।
रात के समय मछली पकड़ने के जाल, रस्सियों से लेकर जेसीबी तक की मदद ली गई। रात में घना अंधेरा होने के चलते लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा, लेकिन सभी लोगों की मेहनत रंग लाई।
गड्ढे में पानी भरने के बाद व्हेल को उसमें पलटा।
जाते समय ‘धन्यवाद’ देती नजर आई व्हेल
आज दोपहर मछुआरों की एक बड़ी नाव की मदद की ली गई। व्हेल को गहरे पानी में लाने के लिए उसकी पूंछ में रस्सी बांधी गई और फिर समुद्र में गहराई तक लाया गया।
समुद्र में गायब होने से पहले व्हेल डुबकी लगकर बाहर निकली और अपने जबड़े खोलकर ऐसा रिएक्शन दिया, जैसे कि वह लोगों को उसकी जान बचाने का धन्यवाद दे रही हो।
समुद्र में जाने से पहले लोगों का इस अंदाज में किया धन्यवाद।
25 फीट लंबी इस व्हेल का वजन करीब 2 टन था
वन विभाग के अधिकारी सचिन गुप्ता ने बताया कि यह व्हेल मछली का बच्चा था। करीब 25 फीट लंबी इस व्हेल का वजन करीब 2 टन था।
रेस्क्यू के शुरुआत में ही मछली के आसपास बड़ा गड्ढा कर उसमें पानी भर दिया गया था। इसी वजह से व्हेल 24 घंटे के इस संघर्ष का सामने कर सकी।
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