गांव डिडवाड़ा में महिला द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला

मृत्तक महिला के परिजनों ने खानसर चौंक पर शव रखकर लगाया जाम
परिजनों ने ससुरालजनों पर लगाया हत्या करके फांसी पर लटकाने का आरोप
जब तक गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक नहीं करेंगे शव का दाह संस्कार: परिजन
गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगी हुई हैं: डीएसपी आशिष कुमार

एस• के• मित्तल     
सफीदों,         उपमंडल के गांव डिडवाड़ा में गर्भवती नेहा (22) द्वारा फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त करने के मामले में परिजनों ने नगर के खानसर चौंक पर नेहा शव रखकर जाम लगा दिया। जाम की सूचना पाकर डीएसपी आशिष कुमार व सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने का प्रयास किया लेकिन परिजन नहीं माने। परिजनों ने साफ किया कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक वे शव को यहां से नहीं उठाएंगे और ना ही शव का दाह संस्कार करेंगे।
बता दें कि 6 माह की गर्भवती नेहा (22) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। नेहा को सफीदों के नागरिक अस्पताल में लाया गया, जहां पर डाक्टरों ने उसे मृत्त घोषित कर दिया था। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। वहीं पुलिस ने महिला के पिता कर्मबीर निवासी कोंहड (करनाल) के ब्यान के आधार पर मृत्तक महिला के पति अमित, ससुर सुंदर व सास बिमला के खिलाफ भादस की धारा 304बी व 34 के तहत मामला दर्ज किया था।
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पुलिस ने शुक्रवार सुबह जैसे शव का पोस्टमार्टम करवाकर उसे परिजनों को सौंपा तो वे उसे गांव में ले जाने की बजाए सीधा खानसर चौंक पर ले गए। परिजनों ने वहां के गोल चक्कर के ऊपर शव को रख दिया तथा मानव श्रृंखला बनाकर व वाहन अड़ाकर जाम लगा दिया। परिजनों ने खानसर चौंक पर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाम लगाने वालों में महिलाओं की तादाद अधिक थी तथा परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। जाम के दौरान मृत्तक नेहा की मां बेहोस हो गई। परिजनों का आरोप था कि उन्होंने नेहा की शादी सफीदों उपमंडल के गांव डिडवाड़ा के अमित के साथ करीब डेढ़ साल पहले की थी और अब वह 6 माह की गर्भवती थी। लड़की शादी के बाद जब भी हमारे पास आती थी वह अक्सर बतलाती थी कि मेरा पति व मेरे सास-सुसर मुझे ताना मारकर कहते थे कि तु तो भुखे नंगे घर की है और उसे दान-दहेज के लिए मारते पिटते थे। 3 अगस्त को रक्षाबंधन के त्यौहार पर वह कोहंड आई थी। रक्षाबंधन के बाद 12 अगस्त को अमित उसे वापिस लेने आया तो उससे नेहा के साथ प्रताडऩा के बारे में बात की लेकिन अमित उसे खुसामद करके ले गया था। परिजनों का कहना था कि नेहा ने खुद फांसी लगाकर आत्महत्या नहीं की है बल्कि ससुराल वालो के द्वार उसे पहले बुरी तरह से मारपीट करके मौत के घाट उतारा गया और फिर अपना पाप छिपाने के लिए फांसी के फंदे पर लटका दिया गया।
नेहा के शरीर पर पड़े एक-एक निशान इस बात की साफ-साफ गवाही दे रहें हैं। परिजनों का कहना था कि पुलिस इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है। काफी कहासुनी के बाद शव का पोस्टमार्टम व एफआईआर हुई है। पुलिस आरोपियों को पकडऩे में ढिलमुल रवैया अपना रही है तथा गिरफ्तारी करने के लिए कई टीमें भेजने का नाटक कर रही है। जिस वक्त नेहा का पोस्टमार्टम हो रहा था उस वक्त तक भी आरोपी अपने घर पर ही बैठे हुए थे। परिजनों का कहना था कि जिस वक्त उन्होंने नेहा की सगाई तय की थी उस वक्त ससुराल वालो को साफ-साफ बता दिया गया था कि उनके पास दान-दहेज देने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है। जिस पर उन्होंने कहा था कि उन्हे दहेज में कुछ भी नहीं चाहिए सिर्फ और सिर्फ बेटी चाहिए लेकिन शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए प्रताडि़त करना शुरू कर दिया था।
दोपहर करीब पौने एक बजे से सांय साढ़े 4 बजे तक कई घंटे चले इस जाम में फिर से डीएसपी आशिष कुमार परिजनों के पास पहुंचे और उन्हे आश्वस्त किया कि 24 घंटे के अंदर-अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी तथा पुलिस की कई टीम इस कार्य में तत्परता से लगी हुई है। डीएसपी के आश्वासन पर परिजनों ने नेहा के शव को खानसर चौंक से उठा तो लिया लेकिन उन्होंने साफ किया कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तब तक वे नेहा के शव का दाह संस्कार नहीं करेंगे और उसके शव को अपने निवास कोहंड (करनाल) में रखेंगे। अगर पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की तो फिर से वे बड़ा फैसला लेने को मजबूर होंगे।
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डायरी में किया था अपना दर्द ब्यां
नेहा ने मरने से पहले अपने घर पर एक डायरी लिखकर अपना दर्द ब्यां किया था। ऐसा दावा मृत्तक नेहा की छोटी बहन नैंसी ने किया है। नैंसी ने बताया कि नेहा घर पर आकर डायरी लिखती थी। जब वह वापिस अपने ससुराल आने लगी तो वह मुझसे बोली कि उसने डायरी में कुछ गाने लिखे हुए है तुम पढ़ लेना। मैने कहा कि मैं तो गाने सुन लेती हुं पढऩे की क्या जरूरत है लेकिन उसने कहा कि कोई बात नहीं फिर भी पढ़ लेना।

मैं उसकी बात फिर भी समझ नहीं पाई। जब यह हादसा हुआ और जब उसने उसकी डायरी उठाकर पढ़ी तो सारा कुछ पढ़कर अवाक रह गई। नेहा ने अपने साथ हुए बर्ताव व पूरे दर्द को इस डायरी के लिखे पन्नों में ब्यां किया हुआ था। उसने डायरी में उसने लिखा है कि वह बहुत कुछ सहन कर चुकी है। ओर अधिक सहन करने की क्षमता वह नहीं रखती।

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