करनाल बाइपास पर जाम लगाए बैठे ग्रामीण।
हरियाणा के कैथल में भागल निवासी होशियार सिंह के सुसाइड केस में आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी न होने के विरोध में ग्रामीणों ने रविवार को करनाल रोड बाई पास पर जाम लगा दिया। इससे पहले ग्रामीण सुबह के समय नागरिक अस्पताल में धरने पर बैठ गए थे। गिरफ्तारी के आश्वासन पर ग्रामीणों ने एक घंटे के बाद जाम खोला। डीएसपी विवेक चौधरी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों ने बात की। आरोपी पुलिसकर्मी फरार चल रहे हैं।
लड़खड़ाती सीम के साथ, आप कभी नहीं जानते कि यह कितना करेगा: सिराज
बता दें कि शनिवार देर शाम के समय सीआईए में तैनात पुलिसकर्मियों की धमकी से परेशान होकर भागल निवासी होशियार सिंह ने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी होने तक शव न लेने की बात कही है। सुबह के समय परिजनों ने दोपहर 3 बजे तक पुलिस प्रशासन को आरोपी एएसआई व तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करने का समय दिया था, लेकिन तीन बजे तक गिरफ्तारी न होने पर परिजनों व ग्रामीणों ने नया बस स्टैंड स्थित करनाल रोड पर सर छोटू राम बाइपास पर जाम लगा दिया।
एक पुलिसकर्मी को आरोपी बनाने पर भड़के
ग्रामीणों ने इस मामले में एक पुलिसकर्मी को आरोपी बनाने का आरोप लगाया है। परिजन रामेश्वर ने बताया कि पुलिस ने केवल एक पुलिसकर्मी को आरोपी बनाकर अन्य पुलिसकर्मियों का नाम एफआईआर में शामिल नहीं किया गया है। जबकि इस मामले में कुल पांच आरोपी शामिल है।
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पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी न होने से गुस्साए ग्रामीण।
यह था मामला
गौरतलब है कि शनिवार देर रात कैथल में सीआइए के पुलिस कर्मियों से परेशान होकर भागल निवासी 37 वर्षीय होशियार सिंह ने पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मामले में सिविल लाइन थाना में सीआईए में तैनात एसआई प्रदीप के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसमें मृतक के भाई गांव भागल निवासी बीरभान ने सिविल लाइन थाना में शिकायत दी कि 13 जनवरी को उसके घर पर तीन पुलिसकर्मी रात करीब 9 बजे आए और उसके भतीजे मलकीत के बारे में पूछने लगे।
उसने मलकीत को पास बुलाया तो वे मलकीत को अपने साथ लेकर चलने लगे। एक पुलिसकर्मी ने अपना नाम प्रदीप एएसआई बताया। उसे बोला कि वे सीआईए-2 में आ जाए। इस दौरान उसने उसकी बेटी पर भी टिप्पणी की थी। कर्मचारी के बुलाने पर वह खुद, उसका भाई होशियार सिंह, जयंत रोहिला व रामफल गांव भागल से करीब सुबह साढ़े 9 सीआईए-2 कैथल में आए।
लड़की को उठाने की धमकी
वहां प्रदीप व उसके तीन से चार सहयोगी मिले। गांव से आए लोगों ने मलकीत के बारे में पूछा तो प्रदीप ने बताया कि मलकीत ने फोन चोरी किया है। जब उन्होंने इस बात से मना किया तो एएसआई प्रदीप ने सभी के सामने होशियार सिंह को धमकाया। वह बोला कि उनकी लड़की को उठाकर लेकर आएगा। एएसआई प्रदीप के धमकाने पर और यह धमकी देने की वजह से डरकर होशियार सिंह ने आत्महत्या कर ली।