चीका के उधम सिंह चौक पर अनशन पर बैठे लोग।
हरियाणा के कैथल के गुहला-चीका में सात दिन से सड़कों की जर्जर हालत को लेकर लोग धरने पर बैठे हैं। 23 दिसंबर को चीका बंद का फैसला लिया गया है। अब रोड टूटने के मामले में जजपा विधायक ईश्वर सिंह और धरने पर बैठे लोगों में आरोप प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है। लोगों ने भाजपा सरकार को सड़क की खस्ताहालत के लिए जिम्मेदार ठहराया। अब गुहला के जजपा विधायक ने जवाब दिया है कि सड़कों की जो स्थिति है, वह केवल और केवल पूर्व के प्रतिनिधियों के कारण बनी है। इसके लिए वे ही जिम्मेदार हैं।
MLA बोले- धरने का औचित्य नहीं
विधायक ईश्वर ने कहा कि इसके साथ ही निर्माण एजेंसियों का भी खोट है। इन्होंने उस समय सड़क निर्माण करते हुए निम्न स्तर की सामग्री का निर्माण किया था। जिस कारण सड़कें अपनी तय समय अवधि से पहले जर्जर हो चुकी हैं। विधायक ईश्वर सिंह ने कहा कि जब सड़कों के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है तो इस समय किसी भी धरने प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं रह जाता।
जजपा विधायक ईश्वर सिंह।
अब आमजन को चाहिए कि सड़क निर्माण कार्य को लेकर सहयोग करें। जिन भी सड़कों के टेंडर करवाए जा रहे हैं उन्हें गुणवत्ता पूर्वक बनाना सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि भविष्य में लोगों को इस तरह की समस्याओं का सामना ना करना पड़े। सड़क निर्माण के कार्य को लेकर अधिकारियों को पहले ही आवश्यक दिशा.निर्देश जारी किए गए हैं।
23 दिसंबर को चीका बंद का आह्वान
वहीं, चीका के उधम सिंह चौक पर चल रही संयुक्त सड़क मोर्चा की क्रमिक भूख हड़ताल सातवें दिन भी जारी है। मोर्चा के सदस्यों ने अब 23 दिसंबर को चीका शहर को चार घंटे तक पूरी तरह से बंद रखने का फैसला लिया है। अब शुक्रवार को सुबह आठ से लेकर दोपहर एक बजे शहर की दुकानें मोर्चा के समर्थन में बंद रहेगी। मंच के सदस्यों सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया है।
खस्ताहाल सड़कों से दुखी हैं हल्के के लोग
बता दें कि कैथल जिले में पंजाब से सटे गुहला-चीका हल्के में खस्ताहाल सड़कों से सभी लोग दुखी हैं। इस क्षेत्र में वर्ष 2016 के बाद से सड़कों की मरम्मत का कार्य तक शुरू नहीं हो पाया है। वहीं, पिछले छह महीने में सात मौतें इन बदहाल सड़कों के कारण हो चुकी हैंं।