पीएलपीए के वन क्षेत्र में बने थे अवैध निर्माण, कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन महीने का समय देकर वन क्षेत्र में बने सभी निर्माण को तोड़ने का दिया था आदेश।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नगर निगम के तोड़फोड़ दस्ते ने गुरुवार को लक्कड़पुर में अभियान चलाकर वन क्षेत्र में बने 25 से अधिक निर्माण पर बुल्डोजर चलाकर तोड़ दिया। ये सभी निर्माण नगर निगम की जमीन पर बने थे और यहां पीएलपीए एक्ट लागू है।
बता दें कि 21 जुलाई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने खोरी कॉलोनी के पुर्नवास मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वन क्षेत्र मंे बने सभी निर्माण हटाए जाएं और उन्हें पुराने स्वरूप में लाया जाए। इसके लिए तीन महीने का समय भी दिया था। इसी आदेश की अनुपालना में नगर निगम वन क्षेत्र में अपनी जमीन पर बने सभी निर्माण को तोड़ रहा है।
चार एकड़ जमीन कराई गई खाली
सीनियर आर्किटेक्ट बीएस ढिल्लो ने बताया कि गुरुवार को लक्कड़पुर कॉलोनी में वन क्षेत्र में बने करीब 25 िनर्माण तोेडे़ गए। यहां लोगों ने नगर निगम की करीब चार एकड़ जमीन पर अवैध निर्माण कर रखा था। उन्होंने बताया कि अभी तक जमाई कॉलोनी में 8 एकड़, पाली में तीन एकड़, मोहब्बताबाद में एक एकड़ और बड़खल क्षेत्र में छोटी छोटी करीब 11 एकड़ में हुए अवैध निर्माण को हटाया जा चुका है।
वन विभाग ने भी जारी किया नोटिस
डीएफओ राजकुमार ने पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (पीएलपीए) 1900 की धारा 4 और 5 के तहत अधिसूचित भूमि पर बने निर्माण को हटाने के लिए नोटिस जारी किया है। उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न पीएलपीए क्षेत्र जैसे अनखीर, मेवला महाराजपुर, अनंगपुर, लक्कड़पुर पर अनाधिकृत निर्माण है।सुप्रीम कोर्ट द्वारा नरेंन्द्र सिंह/ओआरएस बनाम दिवेश भूटानी और ओआरएस के मामले में दिए गये आदेश द्वारा वन क्षेत्र से सभी अनाधिकृत निर्माण को हटाने के लिए निर्देशित किया गया है। डीएफओ का कहना है कि यदि वन क्षेत्र के निर्माण के लिए किसी सरकारी विभाग/एजेंसी से अनुमति प्राप्त की गई है, तो ऐसे प्रपत्र को 10 दिन के भीतर वन विभाग के कार्यालय में जमा करा सकते हैं।
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