जिला सचिवालय में दस्तावेजों को दिखाते दल सिंह।
हरियाणा के जिले करनाल में सरकार को चूना लगाने और गरीबों का हक डकारने वालों के खिलाफ शासन और प्रशासन का लचीला रवैया घोटाले बाजी का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। सरकार पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल तरीका अपना रही है लेकिन घोटालेबाज़ गड़बड़ी का रास्ता निकाल ही लेते है।
RTI एक्टिविस्ट दल सिंह ने RTI के माध्यम से डिपो होल्डर्स द्वारा की जाने वाली गड़बड़ी को उजागर किया है। RTI एक्टिविस्ट द्वारा डिपो होल्डर्स पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए है। दल सिंह ने जो RTI मांगी उसमें लगभग 150 डिपो पर अनियमिताएं पाई गई और घोटाला पाया गया। लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गई। घोटाले बाजों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर RTI एक्टिविस्ट बुधवार शाम SP को ज्ञापन देने पहुंचे। शेरगढ़ टा वासी RTI एक्टिविस्ट दल सिंह ने RTI के माध्यम से राशन डिपो से संबंधित जानकारी मांगी। लेकिन उसे RTI में जो जानकारी उसे मिली, उसे देख वह हैरान रह गया।
जानकारी देते दल सिंह।
एक कार्ड में 24 मेम्बर, वे भी फर्जी
दल सिंह की माने तो करनाल ज़िला में लगभग 200 डिपो होल्डर्स है, लेकिन 150 डिपो होल्डर्स द्वारा गबन किया गया है। RTI से मिली जानकारी के अनुसार, किसी परिवार में सिर्फ दो ही मेम्बर है लेकिन राशन कार्ड में 24-24 मेम्बर चढ़ा कर उनके नाम का राशन डिपो होल्डर डकार रहा है। राशन कार्ड में ये मेंबर परिवार के नहीं है बल्कि दूसरे राज्यों के लोग है, जिनके आधार कार्डों की एंट्री करके यह खेल खेला जा रहा है। यह सिर्फ एक राशन कार्ड के हालात है, ऐसे 470 आधार कार्ड है जिनकी फर्जी तरीके से राशन कार्डों में एंट्री की गई और प्रति यूनिट के हिसाब से राशन उठाया गया है।
115 करोड़ का घोटाला
दल सिंह के अनुमान के मुताबिक, लगभग 115 करोड़ का घोटाला डिपो होल्डर्स द्वारा किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि विभागीय अधिकारियों को डिपो होल्डर्स की करतूतों की जानकारी ना हो, लेकिन फिर भी प्रशासन अपनी आंखें मूंदे बैठा है। यहां तक कि केंद्र और प्रदेश सरकार की तरफ से प्याज भी कार्ड धारकों के लिए आया था, लेकिन किसी को भी प्याज नहीं मिला, बल्कि घोटालेबाजों ने प्याज बाहर से बाहर की बेच दिया।
शिकायत लेकर जिला सचिवालय पहुंचे दल सिंह।
CM से लेकर अधिकारियों को की गई शिकायत
RTI एक्टिविस्ट दल सिंह की माने तो उन्होंने घोटाले बाजों के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिए हरियाणा के CM मनोहर लाल, गृह मंत्री अनिल विज, करनाल ADC को भी शिकायत की है लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। यदि शासन और प्रशासन निष्पक्ष तरीके से जांच की जाए तो भ्रष्ट डिपो होल्डर लपेटे में आ सकते है।
सरकार ने जांच के बाद नहीं की कार्रवाई
दल सिंह के मुताबिक, सरकार ने डिपो होल्डर्स की कारगुज़ारी की जांच की है और इस जांच में यह साबित हुआ है कि डिपो होल्डर्स ने धोखाधड़ी की है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर खाना पूर्ति की गई है। 150 में से केवल 2 डिपो होल्डर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अन्य पर भी कार्रवाई हो, इसके लिए वे करनाल जिला सचिवालय में पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देने के लिए पहुंचे है। CM सिटी में डिपो होल्डर्स घोटाले कर रहे है लेकिन कार्रवाई कुछ होती नहीं।