भुवनेश्वर21 मिनट पहले
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कांग्रेस को 147 ओडिशा विधानसभा सीटों और 21 लोकसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों से लगभग 3,000 आवेदन प्राप्त हुए थे।
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (OPCC) ने लोकसभा और ओडिशा विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों से 50,000 रुपये जमा करने को कहा है।
कमेटी अध्यक्ष शरत पटनायक ने संभावित उम्मीदवारों को लेटर भी जारी किया है। पटनायक ने कहा कि OPCC पार्टी की ओर से शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों से 50,000 रुपये के चेक ले रही है ताकि प्रचार से जुड़ी सामग्री दी जा सके।
कांग्रेस को 147 ओडिशा विधानसभा सीटों और 21 लोकसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों से लगभग 3,000 आवेदन प्राप्त हुए थे। पटनायक ने उन शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की संख्या का खुलासा नहीं किया जिन्होंने राशि का भुगतान किया है।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि कई उम्मीदवारों ने पहले ही 50 हजार के चेक जमा कर दिए हैं। पटनायक ने कहा, उम्मीदवारों के नाम तय होने के बाद टिकट नहीं पाने वाले उम्मीदवारों को चेक लौटा दिए जाएंगे।
राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान 7 फरवरी 2024 को ओडिशा पहुंचे थे।
कांग्रेस नेता बोले- छिपाने को कुछ नहीं, उम्मीदवारों को देना होगा बलिदान
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और विधायक तारा प्रसाद बाहिनीपति ने फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों को पार्टी के लिए कुछ बलिदान देना होगा।
बाहिनीपति ने कहा, ये चेक आधिकारिक तौर पर स्वीकार किए जा रहे हैं और छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। चूंकि पार्टी के पास पर्याप्त धन नहीं है, इसलिए उम्मीदवारों को कुछ बलिदान देना होगा।
कांग्रेस को मिला 1700 करोड़ रुपए का नया IT नोटिस
इनकम टैक्स विभाग ने सुबह कांग्रेस को 1700 करोड़ रुपए का नया डिमांड नोटिस जारी किया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक यह डिमांड नोटिस 2017-18 से 2020-21 के लिए है। इसमें जुर्माने के साथ ब्याज भी शामिल हैं।
नए नोटिस को लोकसभा चुनाव से पहले नकदी संकट से जूझ रही कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है। एक दिन पहले 28 मार्च को ही दिल्ली हाईकोर्ट ने टैक्स असेसमेंट को लेकर दायर कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी थी।
- नोटिस मिलने के बाद शुक्रवार दोपहर में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अजय माकन ने दावा किया, ‘कल हमें आयकर विभाग से 1823 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए नोटिस आए हैं। ये पांच सालों के टैक्स का नोटिस है। वह तीन और सालों का बना रहे हैं। इस नोटिस में सीताराम केसरी के समय की 35 करोड़ की डिमांड भी शामिल है। उन्होंने कहा कि जिस मापदंडों के आधार पर कांग्रेस को जुर्माने के नोटिस दिए गए हैं, उन्हीं के आधार पर भाजपा से 4600 करोड़ रुपए की वसूली करनी चाहिए।
- 2017-18 में हमारे 14 लाख रुपए के वॉयलेशन के ऊपर भाजपा के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 135 करोड़ रुपए कांग्रेस के बैंक खाते से छीनकर ले गए। 2017-18 में ही भाजपा को 1 हजार 297 लोगों ने करीब 42 करोड़ रुपए का चंदा दिया।
- भाजपा ने इन लोगों का सिर्फ नाम लिखा और छोड़ दिया। इसके अंदर नाम और पता दोनों जानकारी देनी होती है। इनकम टैक्स ने इस वॉयलेशन पर अपने आंख पर पट्टी लगा ली; लेकिन हमारे 23 सांसदों और विधायकों ने जो 14 लाख रुपए कैश दिए उसके बेस पर हमारे 135 करोड़ रुपए छीनकर ले गए, जबकि हमने इसमें नाम पता सब कुछ बताया।
पिछले दो साल में 253 डोनर्स के भाजपा ने नाम नहीं बताए
अजय ने कहा, ‘1 हजार 297 लोगों में से 92 लोगों के तो नाम भी नहीं हैं। ये 2017-18 का आंकड़ा है। इसके बाद हमने पिछले दो साल का एनालिसिस किया। पिछले दो सालों में 253 डोनर्स के नाम नहीं हैं। ढाई करोड़ रुपए की राशि ऐसे लोगों से ली गई है, जिनका नाम ही नहीं है। पिछले दो साल में 126 लोगों से 1.05 करोड़ रुपए लिया गया है जिनका नाम नहीं है। इलेक्शन कमिशन और इनकम टैक्स विभाग भाजपा की इन कमियों पर आंख मूंदकर बैठी हुई है और सिर्फ कांग्रेस नजर आती है।
4600 करोड़ रुपए की पेनल्टी BJP के ऊपर लगनी चाहिए
BJP की जितनी भी वॉयलेशंस हैं, उन्हें हम लोगों ने सारी की सारी वॉयलेशंस को उसी पैरामीटर से एनालाइज किया जिस तरह इन्होंने हमें किया। उसके ऊपर कितना इनकम टैक्स लगना चाहिए और कितना इंटरेस्ट (ब्याज) लगना चाहिए। पिछले 7 सालों का जो हम लोगों ने हिसाब लगाया है, उसके मुताबिक 4600 करोड़ रुपए की पेनल्टी BJP के ऊपर लगनी चाहिए।
कांग्रेस से 1823 करोड़ रुपए की डिमांड की गई
माकन ने कहा कि जब कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी जी थे। यानी 1993-94 के नोटिस हमें भेजे जा रहे हैं। हमें 53.9 करोड़ का डिमांड भेजा गया है। इस तरह से पिछले 5 साल और 3 साल का डिमांड और बनाया जा रहा है। कुल मिलाकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कांग्रेस से 1823 करोड़ रुपए की डिमांड की है। ये कहां का लेवल प्लेइंग फील्ड है। अगर नियम सबके लिए बराबर हैं तो भाजपा से 4600 करोड़ रुपए की डिमांड जारी करनी चाहिए।
दिल्ली HC ने कहा था- खातों में कई लेन-देन बेहिसाब थे
कांग्रेस ने चार साल (2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21) के लिए इनकम टैक्स रीअसेसमेंट प्रोसिडिंग शुरू करने के खिलाफ याचिका दायर की थी। दिल्ली HC की जस्टिस यशवंत वर्मा और जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव की बेंच ने 28 मार्च को याचिका खारिज करते हुए कहा था कि कांग्रेस के खातों में कई बेहिसाब लेनदेन थे। इनकम टैक्स अधिकारियों के पास टैक्स असेसमेंट पर एक्शन लेने के लिए ठोस सबूत थे, इसलिए एक्शन लिया गया है।
कांग्रेस ने दिल्ली हाईकोर्ट में यह याचिका चार साल (2017-18, 2018-19, 2019-20 और 2020-21) के लिए इनकम टैक्स रीअसेसमेंट प्रोसीडिंग शुरू करने के खिलाफ दायर की थी। इससे पहले भी कांग्रेस ने 2014-15 से 2016-17 से असेसमेंट प्रोसीडिंग को चुनौती दी थी। उसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
3 याचिकाएं पहले भी खारिज हो चुकीं
25 मार्च को भी कोर्ट ने कांग्रेस की तीन याचिकाएं यह कहते हुए खारिज कर दी थीं कि कांग्रेस ने मूल्यांकन पूरा होने का समय खत्म होने से कुछ दिन पहले और प्रोसिडिंग के लास्ट स्टेज में कोर्ट में अपील करने का विकल्प चुना है।
8 मार्च को कोर्ट ने इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल (ITAT) के आदेश को बरकरार रखा था। ट्रिब्यूनल ने 2018-19 के लिए 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के बकाया टैक्स की वसूली के लिए कांग्रेस को जारी डिमांड नोटिस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
फ्रीज अकाउंट्स खुलवाने सुप्रीम कोर्ट जा सकती है कांग्रेस
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से 200 करोड़ का जुर्माना लगाने और उसके अकाउंट्स फ्रीज करने के बाद कांग्रेस पहले से ही पैसों की कमी से जूझ रही है। हाईकोर्ट से कोई राहत न मिलने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। इनकम टैक्स ने 2018-19 के लिए टैक्स असेसमेंट को कांग्रेस के खातों से करीब 135 करोड़ की रिकवरी की थी।
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