अपने पैसों के 6 महीनों से मारा-मारा फिर रहा है खाताधारक प्रवीन
एस• के• मित्तल
सफीदों, जनता का पैसा अब बैंकों में भी सुरक्षित नहीं रह गया है और हर रोज बैंक खातों में ऑनलाईन ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसी प्रकार का मामला नगर के महाम्त्मा गांधी मार्ग स्थित एचडीएफसी बैंक शाखा में सामने आया है। जहां से एक उपभोक्ता गांव बागडू कलां निवासी प्रवीन के खाते से करीब 10.51 लाख रूपए उड़ा लिए गए लेकिन बैंक अधिकारी और साईबर सैल उसके पैसे वापिस दिलाने में नाकाम साबित हुए हैं।
सफीदों, जनता का पैसा अब बैंकों में भी सुरक्षित नहीं रह गया है और हर रोज बैंक खातों में ऑनलाईन ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसी प्रकार का मामला नगर के महाम्त्मा गांधी मार्ग स्थित एचडीएफसी बैंक शाखा में सामने आया है। जहां से एक उपभोक्ता गांव बागडू कलां निवासी प्रवीन के खाते से करीब 10.51 लाख रूपए उड़ा लिए गए लेकिन बैंक अधिकारी और साईबर सैल उसके पैसे वापिस दिलाने में नाकाम साबित हुए हैं।
प्रवीन ने ये पैसे अपनी बहन की शादी व मकान की मुरम्मत के लिए बैंक में जमा करवाएं थे लेकिन अब पैसों के अभाव में बहन की शादी व मकान की मुरम्मत रूक गई है। मंगलवार को अपने पैसों की वापसी की जानकारी को लेकर एचडीएफसी बैंक शाखा में आए गांव बागडू कलां निवासी प्रवीन कुमार ने भरे मन से अपनी दास्तां सुनाते हुए कहा कि उन्होंने अपनी बहन की शादी व मकान की मुरम्मत के लिए कुछ जमीन बेची थी। उस जमीन की बिक्री से आया करीब 10.55 लाख रूपया उसके पिता ने अपने एसबीआई बैंक खाते से मेरे एचडीएफसी बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया था। 17 जुलाई को वह बैंक शाखा से पैसे निकलवाने के लिए आया तो पता चला कि उसके खाते में कोई पैसा नहीं है और उसका खाता माईनस में चला हुआ है। उसने बैंक के अधिकारियों संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि 21 जनवरी से 5 जून के बीच बार-बार 10950 रूपए की ट्रांजक्शन की गई है।
बैंक के अधिकारियों की बात सुनकर वह हैरान रह गया कि ना तो उसके पास कोई मैसेज आया और ना ही किसी ने उससे कोई ओटीपी मांगा गया लेकिन रकम कैसे ट्रांसफर हो गई। वह यह भी देखकर हैरान है कि एक ही रकम बार-बार एक ही स्थान पर किसी कंपनी में ट्रांसफर हुई है। उसने इसकी शिकायत एचडीएफसी बैंक, साईबर सैल व सीएम विंडों में की लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली। हर तरफ से निराशा हाथ लगी है। बैंक ने अपनी जांच में बताया कि उसके पास मैसेज और ओटीपी दोनों आए हैं, तभी पैसा खाते से ट्रांसफर हुआ है जबकि सच्चाई यह है कि उसके पास कोई मैसेज और कोई ओटीपी नहीं आया।
उसे तो तब पता चला जब वह बैंक से 2 लाख रूपए निकलवाने के लिए आया था। उपभोक्ता प्रवीन ने कहा कि जब जनता का पैसा बैंक में ही सुरक्षित नहीं है तो ओर कहां पर होगा। प्रवीन ने आशंका जताई है कि इस घटनाक्रम में बैंक के किसी ना किसी अधिकारी या कर्मचारी का हाथ हो सकता है। उसने बताया कि इस घटनाक्रम को लेकर उसके घर व परिवार का तनाव का माहौल बना हुआ है। वह बहुत ही सामान्य परिवार से ताल्लुक रखता है और जमीन बेचकर यह पैसा जमा किया था लेकिन आज वह अपने पैसे से हाथ धो चुका है। अब घर में यह चिंता बनी हुई है कि कैसे वह अपनी बहन की शादी कर पाएगा। इस मामले में एचडीएफसी बैंक सफीदों शाखा के मैनेजर वजीर दलाल से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने मोबाइल नहीं उठाया।