नई दिल्ली. आय से अधिक संपत्ति के मामले में 4 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को शुक्रवार को यहां तिहाड़ जेल लाया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. एक अधिकारी ने बताया कि चौटाला (86) के जेल परिसर पहुंचने पर उनका चिकित्सकीय परीक्षण किया गया. उन्हें जेल नंबर दो की एक कोठरी में दो अन्य कैदियों के साथ रखा जाएगा. वह करीब 7 बजे जेल पहुंचे. अधिकारियों ने बताया कि पहले ही एक अन्य मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें जेल नंबर दो में ही रखा गया था.
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विशेष न्यायाधीश विकास धुल ने पूर्व सीएम चौटाला पर वर्ष 1993 से 2006 तक आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में उन पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. न्यायाधीश ने प्रशासन को उनकी चार संपत्तियां जब्त कर लेने का भी निर्देश दिया है.
चौटाला का इतिहास बेदाग नहीं
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अधिकतम सजा देने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे समाज में संदेश जाएगा. एजेंसी ने कहा कि चौटाला का बेदाग इतिहास नहीं है और यह दूसरा मामला है जिसमें उन्हें दोषी करार दिया गया है. अदालत ने पिछले सप्ताह चौटाला को दोषी करार देते हुए कहा कि आरोपी उक्त अवधि में ज्ञात आय के स्रोत से इतर हासिल अतिरिक्त संपत्ति का संतोषजनक हिसाब देने में असफल रहा.
चौटाला ने 1993 से 2006 के बीच वैध आय से अधिक संपत्ति बनाई
बता दें कि सीबीआई ने चौटाला के खिलाफ वर्ष 2005 में मामला दर्ज किया था. एजेंसी ने 26 मार्च 2010 में दाखिल आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि चौटाला ने वर्ष 1993 से 2006 के बीच वैध आय से अधिक संपत्ति बनाई. सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक चौटाला ने 24 जुलाई 1999 से पांच मई 2005 तक हरियाणा का मुख्यमंत्री रहते हुए परिवार और अन्य के साथ साठगांठ कर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक चल व अचल संपत्ति अर्जित की. यह संपत्ति चौटाला और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर अर्जित की गई.
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सीबीआई के मुताबिक चौटाला ने आय से 6.09 करोड़ रुपये से अधिक संपत्ति अर्जित की जो उनके ज्ञात आय के स्रोत से 189.11 प्रतिशत अधिक थी.
सीबीआई कोर्ट का अनोखा फैसला
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत ने एक अनोखे फैसले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को आदेश दिया कि वह आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले की जांच और अभियोजन के खर्च के मद में एजेंसी को पांच लाख रुपये का भुगतान करें. चौटाला को इस मामले में 4 साल जेल की सजा सुनाई है.
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अदालत ने कहा है, ‘‘यह अदालत दोषी को 50 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाती है, जिसमें से पांच लाख रुपये सीबीआई को जांच और अभियोजन पर खर्च की गयी राशि के तौर पर दी जाएगी. जुर्माना न दे पाने की स्थिति में दोषी को छह माह के साधारण कारावास की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘मैंने भ्रष्टाचार के मामले में ऐसा नहीं सुना था कि किसी दोषी को जांच पर आई लागत का भी भुगतान करने का निर्देश दिया गया हो.’
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