एस• के• मित्तल
सफीदों, आज 12 मई अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर सफीदों के सरकारी अस्पताल में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर उपस्थित मेडीकल ऑफीसरो ने अपनेे अपने विचार व्यक्त किए और नर्सिंग स्टाफ ने गीतों के माध्यम से इस नर्सिंग दिवस को यादगार बना दिया। गौरतलब है कि नोबल नर्सिंग सेवा की जनक फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस पर दुनिया भर में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर सफीदों सिविल हॉस्पिटल में किया कार्यक्रम आयोजित
गौरतलब है कि नोबल नर्सिंग सेवा की जनक फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्म दिवस पर दुनिया भर में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पूरी दुनिया में कार्यक्रम किए जाते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत केक काटकर सब को खिला कर की गई और उसके बाद सबने अपने विचार सांझा किए एवं नर्सिंग में नित नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा गया। इस मौके पर बात करते हुए एक नर्स ने कहा कि आज के समय में जो काम नर्स करती हैं, वह और कोई नहीं कर सकता।
सेवा की यदि बात की जाए तो मां के बाद नर्सों का स्थान है।
उधर एक अन्य महिला नर्स ने नर्स को सेवा का पर्याय बताया और कहा कि यदि आज नर्स ना हो तो हमारा जीना संभव नहीं है। नर्स को देखकर रोगियों के मन में ऐसी अनुभूति होती है, जैसे ईश्वर को देखकर होती है। नर्स ईश्वर का ही दूसरा रूप है।
आपको बता दें कि सफीदों सिविल हॉस्पिटल में हर वर्ष इंटरनेशनल नर्सिंग डे यूं ही पूरे हौसले से मनाया जाता है। यह बात कहना गलत नहीं होगा जितनी शिद्दत से महिला स्टाफ रोगियों की सेवा करते हैं उतनी ही शिद्दत से वह अपना यह दिन भी मनाते है। कोरोना काल में किए गए मेडिकल स्टाफ की सेवाओं को देश भूल नहीं सकता।