हरियाणा की 2 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान आज सुबह 9 बजे शुरू हो जाएगा। मतदान की प्रकिया शाम 4 बजे तक होगी। इसके बाद 5 बजे मतगणना होगी। मणिपुर के मुख्य चुनाव आयुक्त राजेश अग्रवाल और हरियाणा के CEO अनुराग अग्रवाल को केंद्रीय पर्यवेक्षक लगाया गया है। विधायकों को बैलेट पेपर पर विशेष पैन से निशान लगाने हैं। विधायकों के लिए अपनी पार्टी के एजेंट को वोट दिखाना जरूरी है।
हुड्डा निवास पर करेंगे विधायक ब्रेक फास्ट
कांग्रेसी विधायक आज सुबह दिल्ली से चंडीगढ़ रवाना हो गए। वे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निवास पर ब्रेक फास्ट करेंगे। इसके बाद वे मतदान के लिए हरियाणा विधानसभा पहुंचेंगे। वे पिछले 7 दिनों से रायपुर में रूके हुए थे। इससे पहले गुरुवार शाम को भूपेंद्र सिंह हुड्डा, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सिंह व कुलदीप बिश्नोई तीनों एक साथ चंडीगढ़ पहुंचे। कांग्रेस हाईकमान से नाराज कुलदीप बिश्नोई भी चंडीगढ़ में ही भूपेश बघेल के साथ रूके।
सुख विलास में भाजपा-जजपा और निर्दलीय विधायक
भाजपा, जजपा और 6 निर्दलीय विधायक न्यू चंडीगढ़ के सुख विलास रिजॉर्ट में रूके हुए हैं। यह सभी विधायक वहां से ही विधानसभा पहुंचेंगे। भाजपा, जजपा को भी हॉर्स ट्रेडिंग का भय था, इसलिए इन्होंने अपने विधायकों को सुख विलास रिजॉर्ट में दो दिन के लिए ठहराया। हालांकि भाजपा नेता इस प्रक्रिया को प्रशिक्षण का नाम देते रहे हैं।
भाजपा उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार
चुनाव मैदान में तीन उम्मीदवार
हरियाणा की दो राज्यसभा सीटों पर तीन नामांकन दाखिल हुए हैं। भाजपा के कृष्ण लाल पंवार, कांग्रेस के अजय माकन और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर कार्तिकेय शर्मा चुनाव मैदान में है। कार्तिकेय को जजपा के 10 और 6 निर्दलीय विधायकों, हलोपा 1, इनेलो के 1 विधायक का समर्थन प्राप्त है। एक निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अभी अपने समर्थन की घोषणा नहीं की। निर्दलीय विधायक और बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने कार्तिकेय का नामांकन दाखिल करवाया था।
निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा
पूर्व केंद्रीय मंत्री के बेटे हैं कार्तिकेय शर्मा
कार्तिकेय शर्मा पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेसी नेता कुलदीप शर्मा के दामाद हैं। कुलदीप शर्मा की भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ दोस्ती जग जाहिर है। विनोद शर्मा भी हुड्डा के करीबी रहे हैं, परंतु कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का पद न मिलने से नाराज चल रहे हैं। इसलिए वे कांग्रेस से दूरी बनाए हुए है।
इसलिए क्रॉस वोटिंग के भय से कांग्रेस ने अपने 28 विधायकों को रायपुर भेजा था। पहले उम्मीदवार को प्राथमिकता के तौर पर जीत के लिए 31 वोट चाहिए। दूसरी सीट के लिए 30 वोट चाहिएं। भाजपा के पास 40, जजपा के 10, कांग्रेस 31, इनेलो 1, हलोपा 1 और 7 निर्दलीय विधायक हैं।