हरियाणा में पानीपत शहर के सिविल अस्पताल की हालत बहुत खराब है। हालत यह है कि मोतियाबिंद सर्जरी तक का सामान मरीजों एवं उनके तीमारदारों से मंगवाया जा रहा है। यहां तक की चोटिल लोगों के लिए जालीदार पट्टी तक का खर्चा खुद मरीजों एवं उनके परिजनों को वहन करना पड़ रहा है।
हालांकि जिला स्वास्थ्य विभाग हर तरह के व्यापक प्रबंध होने के अक्सर बड़े-बड़े दावे करता है। मगर, हकीकत इसके विपरीत है। शुक्रवार को सिविल अस्पताल में 4 महिलाओं की मोतियाबिंद की सर्जरी हुई है।चारों मरीजों के परिजनों से सर्जरी के लिए सामान बाहर से मंगवाया गया।
![बाहर से लाई गई दवाइयां दिखाते मरीज के तीमारदार।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/14/screenshot20221014-193254_1665756508.jpg)
बाहर से लाई गई दवाइयां दिखाते मरीज के तीमारदार।
हर मरीज ने 450-470 रुपए का सामान खरीदा है। इसमें दवाइयां, ब्लेड व लैंस भी शामिल है। वहीं, दूसरी ओर घायल मरीजों से भी गर्म पट्टियां बाहर से मंगवाई जा रही है।
बाहर से सामान लेने अस्पतालकर्मी भी गया था साथ
शुक्रवार को सिविल अस्पताल में देशराज कॉलोनी निवासी रमेश रानी पत्नी श्याम सुंदर, सोहबरी, सनौली खुर्द निवासी जादो पत्नी सिदा व गांव बिंझौल निवासी अंगूरी पत्नी पृथ्वी सिंह की मोतियाबिंद की सर्जरी हुई है। इन्होंने बताया कि डॉक्टर ने इनसे बाहर से सामान लाने को बोला था।
उनको 450-470 रुपए के बीच में सामान आया है। इसमें दवा के साथ अन्य सामान भी था। सर्जरी के बाद उनसे पर्ची ले ली गई। इसलिए क्या क्या सामान मंगवाया, ये याद नहीं है। जो सामान पर्ची पर लिखा था उन्होंने बंद लिफाफा स्टाफ को दे दिया था। सामान दिलवाने उनके साथ अस्पताल का कर्मचारी ही गया था।
मामला संज्ञान में नहीं है, जांच करवाएंगे
इस मामले में PMO डॉ. संजीव ग्रोवर ने दैनिक भास्कर से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि बाहर से सामान मंगवाए जाने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। न ही उनके पास किसी की कोई शिकायत आई है। बेशक शिकायत भी न मिले, अगर सामान बाहर से मंगवाया जा रहा है, यह भी जांच का विषय है। मामले की जांच होगी।