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एस• के• मित्तल
जींद, उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि बागवानी किसानों के लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना पोर्टल शुरू किया गया है। किसानों की आय को बढ़ाने और किसानों को जोखिम मुक्त खेती करने के लिए इस पोर्टल की शुरुआत की गई है।
इस योजना के तहत किसानों की फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी। प्रतिकूल मौसम कारक तथा प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल कारक (बाढ़, बादल फटना, नहर / ड्रेन का टूटना, जलभराव), आंधी तूफान व आग जो फसल नुकसान का कारण बनते है, को इस योजना में शामिल किया जा रहा है।
उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि इस योजना के तहत 21 फसलों को शामिल किया गया है, जिसमें 14 सब्जियां (टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिंडी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, मूली), 2 मसाले (हल्दी, लहसुन) और 5 फल(आम, किन्नू, बेर, अमरूद, लीची) शामिल है। यह योजना उन सभी किसानों के लिए वैकल्पिक तौर पर होगी जो मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत पंजीकृत होंगे। योजना के तहत आश्वस्त राशि (सम एश्योरड) सब्जियों व फसलों के लिए रूपये 30 हजार रुपए प्रति एकड़ व फलों के लिए रुपये 40 हजार रुपए प्रति एकड़ होगी तथा किसान का योगदान/हिस्सा आश्वस्त राशि का केवल 2.5 प्रतिशत होगा जोकि सब्जियों में राशि 750 रूपए व फलों में राशि एक हजार रुपये प्रति एकड़ होगी।
मुआवजा राशि को चार श्रेणी 25, 50, 75 व 100 फीसदी में बांटा गया है। उन्होंने कहा कि 26 से 50 प्रतिशत के बीच फसल नुकसान की अवस्था में मुआवजा 50 प्रतिशत की दर से सब्जियों/मसालों के लिए 15 हजार रूपए व फलों के लिए 20 हजार रूपए, 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच नुकसान की अवस्था में मुआवजा 75 प्रतिशत की दर से सब्जियों/मसालों के लिए 22 हजार 500 रुपये व फलों के लिए 30 हजार रुपये तथा 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान की अवस्था में मुआवजा 100 प्रतिशत की दर से सब्जियों/मसालों के लिए 30 हजार रुपये व फलों के लिए 40 हजार रुपये दिया जाएगा। मुआवजा राशि सर्वेक्षण पर आधारित होगी। योजना की निगरानी समीक्षा एवं विवादों का समाधान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गठित राज्य स्तर व जिला स्तर की समितियों के माध्यम से किया जाएगा।
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