कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तेलंगाना चुनाव प्रचार से जुड़ा मजेदार किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि मेरा ट्रांसलेटर बनना बहुत खतरनाक काम है। तेलंगाना में मेरा स्पीच ट्रांसलेट करते वक्त एक ट्रांसलेटर मुश्किल में पड़ गया था।
राहुल ने ये बातें केरल के कोझिकोड में दिवंगत मुस्लिम लीग नेता पी सतीश हाजी पर लिखी गई एक किताब के लॉन्च प्रोग्राम में कहीं। इस दौरान इंडियन मुस्लिम यूनियन लीब के सांसद अब्दुसमद समादानी ने राहुल की स्पीच को तेलुगु में ट्रांसलेट किया।
मैं हिंदी में कुछ बोरिंग कहता था, तेलुगु में उसे सुनकर लोग खुश होते थे
राहुल ने कहा कि मैं वहां हिंदी के पांच शब्द कहता था और सोचता था कि तेलुगु में पांच या सात शब्दों में इनका अनुवाद हो जाएगा। लेकिन मेरे ट्रांसलेटर 20, 25 या 30 शब्द कह देते थे। कभी कभी मैं कुछ बहुत बोरिंग कहता था, लेकिन तेलुगु में वही बात सुनकर लोग खुशी से झूमते थे। कभी मैं कुछ बढ़िया बात कहता था, लेकिन लोग चुप रह जाते थे। राहुल ने कहा कि स्टेज पर रहते वक्त मुझे पूरे समय मुस्कराते रहना पड़ता था क्योंकि मैं कुछ कह नहीं सकता था।
माता-पिता को समझने के लिए बच्चों को समझता हूं
इस मौके पर राहुल ने कहा कि नेता बहुत स्मार्ट होते हैं और वही दिखाते हैं जो वो दिखाना चहते हैं। कई बार वे सादा कपड़े और सस्ती सी घड़ी पहनकर आते हैं। लेकिन जब मैं उनके घर जाऊं तो मुझे वहां BMW खड़ी मिलती है। ऐसे में नेताओं की असली सोच का पता लगाने के लिए मैंने एक तरकीब निकाली है। मैं नेताओं को उनके बच्चों के जरिए समझता हूं।
राहुल बोले कि जब मैं किसी से मिलता हूं तो मैं उनसे साधारण सवाल पूछता हूं। मैं उनसे पूछता हूं कि क्या वे अपने बच्चों को मुझसे मिलने भेज सकते हैं। मैं उन्हें बताता हूं कि मैं उनके बच्चों से इसलिए मिलना चाहता हूं क्योंकि बच्चों से आप सच नहीं छिपा सकते हैं।
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