पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक की राशन घोटाले में गिरफ्तारी के बाद भाजपा राज्य सरकार पर हमलावर हो गई। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह घोटाला TMC सुप्रीमो के निर्देश पर हुआ है।
सुवेन्दु ने कहा- “यह एक बड़ा घोटाला है।धान खरीद में अनियमितताएं की गई हैं। इसमें न केवल चावल मिल मालिक बल्कि नौकरशाह भी शामिल हैं। राइस मिल मालिकों ने फर्जी अकाउंट खोले और केंद्र सरकार से पैसे लिए।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने तुरंत पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा ने विपक्ष पर हमला करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को हथियार बनाया है और कहा कि पश्चिम बंगाल के मंत्री की गिरफ्तारी उत्तर 24 परगना में TMC के प्रभाव को कम करने के लिए भाजपा की एक रणनीति है।
ED ने 27 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के वन मंत्र ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया।
TMC बोली- गैर बीजेपी राज्यों में भाजपा की ये रणनीति निंदनीय
सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में, TMC ने कहा, “बीजेपी बंगाल में TMC को कमजोर करने के लिए ED-CBI को हथियार बना रही है। गैर बीजेपी शासित राज्यों में भाजपा की ये रणनीति निंदनीय है। केंद्रीय जांच टीमों के दुरुपयोग का 2024 के चुनावों में बंगाल के लोगों द्वारा कड़ा बदला लिया जाएगा।
ज्योतिप्रिय मलिक के घर 20 घंटे ED की छापेमारी, फिर हुई गिरफ्तारी
इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने 27 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को गिरफ्तार किया। ED की टीम गुरुवार सुबह 8 बजे के करीब मलिक के घर पहुंची थी। 20 घंटे तक ED ने मलिक के घर और अन्य 7 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।
आखिर में शुक्रवार सुबह 4 बजे मलिक को राशन घोटाले के आरोप में अरेस्ट कर लिया। गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बातचीत में मलिक ने कहा- वह एक साजिश का शिकार हैं। बता दें वन मंत्रालय से पहले मलिक के पास खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग का प्रभार था।
उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां वे बेहोश होकर गिर गए। उन्हें बालकनी में ले जाया गया। कुछ देर बाद उन्हें पीने को पानी दिया गया। इसके बाद अस्पताल ले जाया गया। कोर्ट ने मलिक को 6 नवंबर तक ED की रिमांड पर सौंप दिया।
ज्योतिप्रिय मलिक को जब कोर्ट में पेश किया गया तो वह बेहोश होकर गिर गए। उन्हें अस्पताल में एडमिट करवाया गया।
राशन घोटाले में ज्योतिप्रिय मलिक का नाम कैसे सामने आया
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसी ने बिजनेसमैन बकीबुर रहमान की गिरफ्तारी के बाद मलिक के घर छापा मारा। रहमान को पिछले हफ्ते कैखाली स्थित उनके फ्लैट पर 53 घंटे से अधिक समय तक चली ईडी की छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था।
रहमान के फ्लैट से सरकारी दफ्तरों की मोहरें लगे 100 से ज्यादा दस्तावेज मिले थे। रहमान अपने चावल मिल व्यवसाय के अलावा कई होटल, रिसॉर्ट और बार के भी मालिक हैं।
पश्चिम बंगाल के मंत्री पर क्या है आरोप
ईडी सूत्रों ने बताया कि रहमान की कंपनियों में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया था। आरोप लगाया गया है कि कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कई अनियमितताएं हुईं और राशन वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। उस वक्त मलिक खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री थे।
ममता ने पूछा- सरकार भाजपा नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं करती
पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने गुरुवार 26 अक्टूबर को विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापे को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। छापेमारी पर ममता ने कहा कि भाजपा गंदा राजनीतिक खेल खेल रही है। चुनाव से पहले देशभर में विपक्षी नेताओं पर ED की छापामार कार्रवाई क्या दर्शाती है?
ममता ने भाजपा से सवाल पूछा- कि क्या किसी भाजपा नेता के घर भी ED की छापेमारी हुई है? ममता ने कहा कि भाजपा कहती है कि वह सबका साथ, सबका विकास चाहती है। हकीकत में इसका मतलब सबका साथ, सबका सत्यनाश है। ED जांच और छापेमारी के नाम पर लोगों पर अत्याचार कर रही है। अंग्रेजों की तरह भाजपा उन सभी पर अत्याचार कर रही है, जो उसके खिलाफ हैं।
ममता ने कहा, ‘ज्योतिप्रिया मलिक बीमार हैं। अगर ED की छापेमारी के दौरान उन्हें कुछ हुआ तो मैं भाजपा और ED के खिलाफ FIR दर्ज कराऊंगी।
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