बहादुरगढ़। बहादुरगढ़ में तीन साल पहले मई 2019 में गणपति औद्योगिक क्षेत्र में फरीदाबाद की क्राइम ब्रांच टीम ने पांच रुपये के नकली सिक्के बनाने वाली दो फैक्ट्री पकड़ी थी। चार लोगों को फरीदाबाद में पकड़े जाने के बाद यह कार्रवाई हुई थी। एक फैक्ट्री भवन का मालिक बहादुरगढ़ के सेक्टर-छह निवासी नरेश यादव था। मगर सुभाष उर्फ राहुल ने भवन किराये पर लिया था। फरीदाबाद पुलिस ने सुभाष के अलावा दिल्ली की ही रहने वाली महिला दीपाली, राकेश व नासिर अली को गिरफ्तार किया था। सुभाष ने थर्मोकाल की प्लेटें बनाने की बात कहकर यह भवन किराये पर लिया था।
फरीदाबाद पुलिस ने ही समूची कार्रवाई की थी। इस गिरोह का सरगना नरेश नाम का शातिर है। वह पहले दिल्ली के बवाना क्षेत्र से पकड़ा गया था। आरोपित सुभाष महेंद्रगढ़ जिले का रहने वाला है। वह दिल्ली के कराला में रहता था और आपराधिक प्रवृत्ति के परिवार से है। पुलिस के मुताबिक सुभाष के पिता नंदकिशोर के खिलाफ 32 आपराधिक मामले दर्ज रहे हैं। सुभाष पर भी कई मामले दर्ज रहे हैं। सरगना नरेश और सुभाष जब जेल में थे, तब नकली सिक्कों की प्लानिंग की थी।
फैक्ट्री में तैयार किए जाने वाले नकली सिक्कों को खपाने के लिए भी नेटवर्क बना रखा था। बीच में कमीशन तय कर रखा था। जो सीधा मिलता था उसकाे पांच लाख रुपये में साढ़े सात लाख के नकली सिक्के देते थे। लगभग एक रुपये की लागत में पांच रुपये नकली सिक्का तैयार होता था।
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दूसरी यूनिट पकड़ी तब हुआ था खुलासा, 15 करोड़ के सिक्के खपाए
फरीदाबाद पुलिस ने बहादुरगढ़ के गणपति धाम औद्योगिक क्षेत्र में पहली फैक्ट्री 20 मई को और दूसरी 22 मई को पकड़ी थी। यहां से भारी मात्रा में लोहे की सीट, अर्द्धनिर्मित नकली सिक्के, मशीन और अन्य सामान बरामद किया है। तब खुलासा हुआ था कि इस गिरोह ने 15 करोड़ के सिक्के बनाकर बाजार में खपा दिए थे। ये लोग छह से आठ माह में ठिकाना बदल देते थे। पहले दो यूनिट साेनीपत के राई और कुंडली में लगाई थी। जब वहां पकड़े जाने की आशंका दिखी तो बहादुरगढ़ आ गए थे। जिस लोहे की सीट से सिक्कों की कटिंग की जाती थी, वे दिल्ली की मार्केट से लाई जाती थी।