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गाय हमारी संस्कृति की प्राण है व चेतना है: वीना भाटिया
एस• के• मित्तल
सफीदों, ओम योगा गु्रप की महिलाएं गौसेवा के लिए नगर के जींद रोड़ स्थित श्री गौशाला में पहुंची। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था की अध्यक्षा वीना भाटिया ने की। इस मौके पर नगर की दर्जनों महिलाएं मौजूद थीं। श्री गौशाला के अध्यक्ष शिवचरण कंसल व कोषाध्यक्ष श्रवण गोयल ने आई हुई महिलाओं का अभिनंदन किया। गौशाला में पहुंचकर महिलाओं ने वहां की साफ-सफाई में हाथ बंटाया तथा गायों के गुड़ व चारा खिलाया।
सफीदों, ओम योगा गु्रप की महिलाएं गौसेवा के लिए नगर के जींद रोड़ स्थित श्री गौशाला में पहुंची। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था की अध्यक्षा वीना भाटिया ने की। इस मौके पर नगर की दर्जनों महिलाएं मौजूद थीं। श्री गौशाला के अध्यक्ष शिवचरण कंसल व कोषाध्यक्ष श्रवण गोयल ने आई हुई महिलाओं का अभिनंदन किया। गौशाला में पहुंचकर महिलाओं ने वहां की साफ-सफाई में हाथ बंटाया तथा गायों के गुड़ व चारा खिलाया।
वहीं महिलाओं ने कुछ नकद दान राशी गौशाला के अध्यक्ष शिवचरण कंसल को सौंपी। अपने संबोधन में संस्था की अध्यक्षा वीना भाटिया ने कहा कि जीवन में स्वस्थ्य रहने के लिए योगा और आध्यात्मिक उन्नति के लिए गौसेवा बेहद आवश्यक है। गाय केवल एक जन्तु नहीं है, बल्कि वह जन-जन की आस्था का केन्द्र है। गाय भारत की संस्कृति है और संस्कृति को बचाने का काम देश में रहने वाले हर एक नागरिक को आगे आना चाहिए। गाय के गुणों का भारतीय शास्त्रों, पुराणों व धर्मग्रंथ में विस्तार से वर्णन है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति हजारों वर्षों के संघर्ष के बाद भी कायम है तो इसके मूल में कहीं न कहीं गाय है। गाय हमारी संस्कृति की प्राण है व चेतना है। गौसेवा सुख व समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है। गाय से प्राप्त होने वाले पंचगव्य मनुष्य के लिए बहुत ही उपयोगी है।
उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे गौसेवा व योग से जुड़ें। इस मौके पर गौशाला के प्रधान शिवचरण कंसल ने कहा कि ग्रुप की महिलाओं ने गौसेवा का जो प्रकल्प हाथ में लिया है, वह बेहद सराहनीय है। अन्य सामाजिक संस्थाओं व आमजन को भी गौसेवा की तरफ अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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