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सफीदों मंडी के धान के खरीददारों ने एक्सपोर्टरों के द्वारा की गई हड़ताल का समर्थन किया है। इसको लेकर नगर की नई अनाज मंडी में धान के खरीददारों की एक बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजकुमार मित्तल ने की। बैठक में व्यापारियों ने एक स्वर से हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा कि जब तब सरकार अपने तानाशाही फैसले को वापिस नहीं ले लेती तब तक वे मंडी में कोई धान की खरीददारी नहीं करेंगे और उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा।
बैठक को संबोधित करते हुए राजकुमार मित्तल ने कहा कि सरकार द्वारा धान खरीद पर लगाई गई पाबंदियों के कारण किसानों के साथ-साथ व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। धान के भाव 3800 रुपये प्रति क्विंटल से गिरकर 2800 रूपए रह गए हैं। अगर निर्यातकों की हड़ताल जारी रही तो यह रेट और गिर सकता है। राजकुमार मित्तल ने बताया कि केंद्र सरकार ने बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य 1200 डॉलर प्रति टन रखा है, जो बहुत ज्यादा है। इससे पहले यह रेट 800 से 850 डॉलर प्रति टन था। भारत सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों का किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है।
निर्यातकों की हड़ताल के चलते प्रदेश की मंडियों में 1121, 1509, 1781 और सरबती जैसी किस्मों की बिक्री पूरी तरह बंद हो गई है। उन्होंने सरकार से मांग की कि केंद्र व राज्य सरकार मिलकर इस समस्या का तत्काल समाधान निकाले अन्यथा दिनोदिन समस्या गंभीर होती चली जाएगी क्योंकि प्रदेश की मंडिया धान से लबालब हो गईं हैं।
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