एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर की श्री एसएस जैन स्थानक में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मधुरवक्ता नवीन चन्द्र महाराज एवं श्रीपाल मुनि महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन दुर्लभ है। मनुष्य को हमेशा अपने मन को वश में करने की शक्ति पैदा करनी चाहिए। जिस व्यक्ति का मन संयमित है, वह प्रभु की भक्ति कर सकता है। उन्होंने कहा कि सत्संग से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है।
संत किसी देश या वेश में हो उनके सत्संग का लाभ लेना चाहिए। सत्संग से ज्ञान की प्राप्ति होती है। सत्संग सुनकर उसमें बताई गई बातों का अनुसरण करना भी आवश्यक है।
सत्संग के सुने हुए का आचरण नहीं करने से सुनना न सुनना बराबर है। उन्होंने कहा कि आज मनष्य सुनता मण भर है लेकिन आचरण कण भर भी नहीं करता। इसलिए वर्षों सत्संग सुनने का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। लोग धर्म शास्त्रों की पूजा करते हैं लेकिन उनसे प्रेरणा नहीं लेते। सत्संग में प्राप्त किए गए एक शब्द या वाक्य का जीवन में आचरण करेंगे तो घर, समाज व देश का कायाकल्प निश्चित है।