मेवात. इन दिनों देश में गर्मी अपने चरम सीमा पर है. हरियाणा में पारा 42 को पार कर चुका है. रिकॉर्ड तोड़ गर्मी ने हरियाणा के मेवात जिले में सूखे जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. किसानों की फसल सूखने लगी है. इसके अलावा नहरों व तालाबों में एक बूंद पानी नहीं है, जिससे स्थिति और भयावह होती जा रही है. सूखे तालाबों को देख मेवात के लोगों को ही नहीं मवेशियों को भी चिंता सताने लगी है. मेवात जिले के भादस, मालब, गंडूरी, असाइसीका, नगीना, घाघस, खेड़ी कंकर और हसनपुर सहित सैकड़ों गांवों के सूखे पड़े तालाबों में एक बूंद पानी दिखाई नहीं दे रहा है.
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जंगली जानवरों और पशु- पक्षियों को चोंच भर पानी नहीं मिल रहा. बरसात पिछले कई सालों से सामान्य से भी कम हो रही है. अगर किसी गांव के नहर या तालाब में पानी बचा भी है तो पानी के नाम पर जहर बह रहा है. खास बात यह है कि इस जिले में बरसात ही सबसे बड़ा सहारा है. इसी से नहरों में पानी भरता है, तो जमीन का जलस्तर भी ऊपर आता है. जिले में गर्मी का सितम जारी है. भीषण गर्मी के चलते लोगों की जान पर बन आई है. बरसात ही इस गर्मी से निजात दिला सकती है. लेकिन आसमान पर पिछले 2 दिनों से बादल तो जरूर छाए रहे मगर बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी. इंसान ही नहीं बल्कि मवेशियों की जान पर भी बन आई है.
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प्रतिदिन हालात विकराल होते जा रहे हैं
गर्मी में न केवल फसलें सूख रही हैं बल्कि पशुओं में दूध की मात्रा भी घट रही है. सबसे खास बात यह है कि प्यास बुझाने के लिए लोग रोजाना लाखों रुपए का पानी खरीद कर पीने को मजबूर है. एक टैंकर 1200 रुपये से अधिक का आता है, जिसे तकरीबन 15 दिन तक इस्तेमाल किया जाता है. हर महीने पानी खरीद कर पीने की वजह से लोगों की जेब पर भी बोझ बढ़ रहा है. जिले में आज भी ऐसे सैकड़ों गांव हैं, जहां पानी की भीषण किल्लत है. नहरी पानी की बात करना तो इस जिले के लोगों के लिए किसी बेईमानी से कम नहीं है. कुल मिलाकर दिन -प्रतिदिन हालात विकराल होते जा रहे हैं.
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पानी की समस्या का सामना न करना पड़े
नूह उपायुक्त अजय कुमार ने माना कि जिले में गर्मी के मौषम से पानी की समस्या आ रही है. हाल ही में जिला के संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर पानी की समस्याओं के समाधान करने के दिशा निर्देश दे दिए गए हैं ताकि लोगों को पानी की समस्या का सामना ना करना पड़े.